नई दिल्ली। चीन इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए दुनिया के सबसे बड़ा बाजारों में से एक है। इस बात से सभी परिचित हैं, कि अमेरिका और टेस्ला के बीच तना...
नई दिल्ली। चीन इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए दुनिया के सबसे बड़ा बाजारों में से एक है। इस बात से सभी परिचित हैं, कि अमेरिका और टेस्ला के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। नतीजतन चीन की आर्मी ने अमेरिकी वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला की गाडिय़ों को बैन कर दिया है। जिसके पीछे वजह टेस्ला की कारों में इस्तेमाल होने वाले कैमरे हैं। जिनसे चीनी आर्मी के डेटा को खतरा हो सकता है।
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का कहना है कि टेस्ला की कारों में लगे कैमरे खतरे का संकेत हैं, जिनके चलते इनके इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है। उन्होंने कहा कि टेस्ला में इन-कार कैम से चीन के डेटा और फोन में सिंक कांटेक्ट लिस्ट पर नजर रखी जा सकती है, और यह चीनी सरकार के नियंत्रण में नहीं है, जाहिर है चीनी आर्मी के लिए यह जोखिम भरा हो सकता है।
जानकारी के लिए बता दें, टेस्ला की कारों में कई कैमरे दिए जाते हैं, जो वाहन मालिकों को पार्किंग, ऑटोपायलट और सेल्फ-ड्राइविंग क्षमताओं का उपयोग करने में मदद करते हैं। इसके अलावा सेंट्री मोड भी दुनिया भर में बेचे जाने वाले कई टेस्ला ईवीएस पर पाया जाने वाला एक फीचर है, जो वाहन मालिक को यह जांचने की अनुमति देता है कि जब वह कार के आसपास नहीं है, तो वहां क्या हो रहा है। कुछ समय पहले टेस्ला ने चीन में स्थित अपनी प्रोडक्शन साइट में हैकिंग को लेकर बयान दिया था। लेकिन इस बीच कहा गया कि हैकिंग की घटना केवल हेनान प्रांत स्थित उसके उत्पादन स्थल तक सीमित थी। जिसका शंघाई कार शोरूम पर इसका कोई असर नहीं हुआ है। टेस्ला मॉडल 3 कंपनी का एक लोकप्रिय मॉडल है। इसके साथ ही यह टेस्ला की सबसे सस्ती ईवी में से एक भी है। वहीं वर्तमान में इस कार का उत्पादन चीन के शंघाई में किया जा रहा है, जिसके चलते इसकी कीमत में भी काफी कमी आई है। लेकिन इन कारों में मिलने वाले कैमरे चीनी सेना के लिए चिंता का विषय है।
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