बोटिंग कर खदानों का लिया जायजा रायपुर। जिला सूरजपुर अंतर्गत बिश्रामपुर केनापारा में संचालित पर्यटन के रूप में विकसित केनापारा पर्यटन स्थल पह...
बोटिंग कर खदानों का लिया जायजा
रायपुर। जिला सूरजपुर अंतर्गत बिश्रामपुर केनापारा में संचालित पर्यटन के रूप में विकसित केनापारा पर्यटन स्थल पहुंच कर नई दिल्ली में स्वीडन दूतावास के मिशन उप प्रमुख गौतम भट्टाचार्य ने पर्यटन स्थल में बोटिंग कर व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। कलेक्टर रणबीर शर्मा ने दूतावास के मिशन उप प्रमुख गौतम भट्टाचार्य की अगुवानी की एवं केनापारा में संचालित मत्स्य पालन, नौकायान एवं महिलाओं द्वारा संचालित कार्यों एवं एईसीएल के अन्य खदानों की उपयोगिता के बारे में जानकारी दी। श्री गौतम भट्टाचाय ने खदान की उपयोगिता देख एवं कार्यों की सराहना की तथा केनापारा के खदान जैसी उपयोगिता को स्वीडन में भी लागू करने की बात कही। श्री भट्टाचार्य के साथ आयुक्त छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड एवं रायपुर विकास प्राधिकरण के अतिरिक्त प्रभारी सीईओ, आईएएस अधिकारी डॉ अय्याज तम्बोली, एडिशनल डायरेक्टर डी. महेश बाबू संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म रायपुर उपस्थित थे।
खनन स्थलों को उपेक्षित हालत में छोड़ दिया गया
गौरतलब है कि राज्य में दशकों से कोयला लौह अयस्क, मुरुम मिट्टी इत्यादि के खनन से खनिजो के अनेक भंडार समाप्त होने के कारण खनन स्थलों को उपेक्षित हालत में छोड़ दिया गया है। कुप्रबंधन एवं खनन क्षेत्रों का खनिजों के उत्खनन पश्चात् समुचित विकास नहीं होने के कारण जनमानस में खनन के क्रियाकलापो के प्रति नकारात्मक विचारधारा निर्मित हो रही है तथा खदानो मे अवांछनीय तथा जैव वनस्पतिक संतुलन, मृदा संवर्धन आदि पर नकारात्क प्रभाव डालने वाले रासायनिक तत्व विद्यमान होते है, जो जल स्त्रोतो को प्रभावित व प्रदूषित करते है, जिससे इस प्रकार के जल का पेयजल के रूप में स्थानीय लोगो के द्वारा उपयोग किये जाने से संचारित रोगों का संक्रमण होने का खतरा बना रहता है।
1991 से एसईसीएल ने बंद कर दी है खदान
इसी कड़ी में सूरजपुर जिले में कोयले की केनापारा खदान में वर्ष 1991 से एसईसीएल द्वारा नवाचार के रूप में कोयले का भंडार समाप्त होने के कारण कोयले का खनन बंद कर दिया गया था। जिला प्रशासन द्वारा एसईसीएल के सहयोग से उपेक्षित खनन स्थल का आवश्यक जीर्णोद्धार कर इसे जल संरक्षण के उत्कृष्ट स्त्रोत में विकसित कर दिया गया। वर्तमान में यहां बोटिंग, फ्लोटिंग रेस्टोरेंट की सुविधा उपलब्ध कराने तथा मत्स्य पालन जैसी गतिविधियां आरंभ किया गया है। जिसमें स्व सहायता महिलाओं एवं आसपास के ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराकर आय वृद्धि के नये अवसर सृजित किये गये है। जो कि छत्तीसगढ़ राज्य में एक मॉडल के रूप में चिन्हांकित किया गया हैं। जिसका अवलोकन करने आज स्वीडन के दूतावास की टीम केनापारा पहुंची।
खदान में संचालित एवं उपयोगी कार्यों से अवगत हुए
भ्रमण में आए गौतम भट्टाचार्य मिशन उप प्रमुख, एमबेस्डर स्वीडन एवं टीम द्वारा केनापारा पहुंच कर खदान में संचालित एवं उपयोगी कार्यों से अवगत हुए। इस दौरान श्री भट्टाचार्य ने भ्रमण पश्चात् खुशी जाहीर करते हुए कहा कि यहां आने के बाद बहुत कुछ सीखा स्वीडन में भी खनन कार्य किए जाते हैं, वहां के बंद पडे़ खदानो में किसी प्रकार की उपयोगीता नहीं हो रही है, यहां कि मत्स्य पालन की व्यवस्था, फ्लोटिंग रेस्टोरेंट एवं पर्यटन स्थल को बढ़ावा एवं रोजगार की उपलब्धता को स्वीडन में भी लागू करने की बात कही। उन्होनें कहा स्वीडन की महिलाएं भी अच्छा काम कर रही है। मैंने यहां देखा कि यहां की महिलाएं भी लैंगिक समानता के साथ सभी प्रकार के कार्य कर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। स्वीडन की महिलाओं की तरह यहां की महिलाओ की स्थिति अच्छी है। श्री गौतम भट्टाचार्य ने कहा कि जब वे छत्तीसगढ़ आ रहे थे, लोग कह रहे थे कि छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा हुआ राज्य है, लेकिन यहां ऐसा नहीं है। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया है क्योंकि छत्तीसगढ़ सभी क्षेत्रों में अच्छा काम कर रहा है। श्री भट्टाचार्य ने कहा कि स्वीडन के लोगों को यहां के कार्यों से अवगत कराउंगा।
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