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भगवान गणेश जी की पूजा करने से ये ग्रह होते है शांत

aber अबेर न्यूज। कोई भी शुभ कार्य या कोई पूजा पाठ करने से पहले भगवान गणेश जी का नाम जरूर लिया जाता है। कहा जाता है के अगर कोई भी अच्छा काम क...


aber अबेर न्यूज। कोई भी शुभ कार्य या कोई पूजा पाठ करने से पहले भगवान गणेश जी का नाम जरूर लिया जाता है। कहा जाता है के अगर कोई भी अच्छा काम करने से पहले भगवान गणेश जी का नाम लिया जाए तो सब काम अच्छे से होते है। इसीलिए कोई भी अच्छा काम करने से पहले गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है। गणेश जी को ओर भी बहुत से नामों से सम्बोधित किया जाता है जैसे के गजानन, एकाक्षर, विघ्नहर्ता, एकदंत और आदि। लेकिन क्या आप जानते है के भगवान गणेश जी की पूजा करने से बहुत से ग्रह शांत होते है। तो आइए जानते है :

बुध ग्रह
ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को शुभ ग्रह माना गया है. बुध, मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है. कन्या बुध की उच्च राशि है, जबकि मीन बुध की नीच राशि मानी गई है. अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती को बुध का नक्षत्र माना जाता है. बुध ग्रह बुद्धि, वाणी, मनोविनोद, शिक्षा, गणित, लेखन, तर्क-वितर्क, प्रकाशन, ललित कला, वनस्पति, बिजनेस, मामा, मित्र, संबंधियों, गला, नाक, कान, फेफड़े आदि का कारक है.

केतु ग्रह
केतु को ज्योतिष शास्त्र में पाप ग्रह माना गया है. इसे छाया ग्रह भी कहा जाता है. केतु का सिर नहीं है. केतु को तर्क, बुद्धि, ज्ञान, वैराग्य, कल्पना और मानसिक गुणों का कारक माना गया है. केतु प्रधान व्यक्ति लीक से हटकर कार्य करने पर विश्वास करते हैं.

बुध और केतु का अशुभ फल
बुध और केतु जब अशुभ होते हैं तो व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. व्यापार और शिक्षा में हानि होती है. वाधाएं आना आरंभ हो जाती हैं. केतु के अशुभ होने से मानसिक तनाव और भ्रम की स्थिति उत्पन्न होने लगती है. संघर्ष करना पड़ता है. सफलता देर से मिलती है.

गणेश पूजा का लाभ
गणेश जी को बुद्धि का दाता माना गया है. ज्योतिष शास्त्र में बुध को बुद्धि का कारक माना गया है. बुधवार को गणेश जी की पूजा करने से बुध ग्रह से जुडी दिक्कतें दूर होती हैं. केतु की भी अशुभता दूर करने में गणेश जी की पूजा बहुत ही प्रभावशाली मानी गई है.

पूजा विधि
बुधवार को गणेश जी की पूजा करने से पहले पूजा स्थान को गंगाजल से स्वच्छ करें. इसके बाद गणेश जी का ध्यान लगाएं. पूजा के दौरान गणेश जी की प्रिय चीजों का भोग लगाएं और दूर्वा घास जरूर चढ़ाएं. गणेश असरती के बाद प्रसाद का वितरण करें.

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