अपह्रत जवान की तस्वीर नक्सलियों ने जारी की रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए हमले के बाद लापता जवान को नक्सलियों के कब्जे में बताया...
अपह्रत जवान की तस्वीर नक्सलियों ने जारी की
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए हमले के बाद लापता जवान को नक्सलियों के कब्जे में बताया जा रहा है। बीजापुर के एक पत्रकार ने दावा किया है कि उसके पास नक्सलियों ने दो बार फोन किया है। फोन में नक्सलियों का कहना है कि जवान घायल है। उसे स्वस्थ होते ही दो दिन में रिहा कर दिया जाएगा। तीन अप्रैल को बीजापुर में मुठभेड़ के बाद लापता कोबरा कमांडो की तलाश जारी है। पुलिस इस मामले में स्थानीय ग्रामीणों से पूछताछ कर रही है। वहीं, सभी चैनल के माध्यम से जवान का पता लगाने की कोशिश में जुटी हुई है। इस बीच नक्सलियों ने पत्र जारी करके सरकार से बातचीत के लिए रजामंदी जाहिर की है। बीजापुर के एक पत्रकार ने बताया कि उसके पास दो बार नक्सलियों का फोन आया। उन्होंने कहा कि एक जवान को उन्होंने पकड़ रखा है। उस जवान को गोली लगी है। वह घायल है। उसका इलाज किया जा रहा है और दो दिन में उसे रिहा कर दिया जाएगा। नक्सलियों ने जवान के फोटो और वीडियो भी जल्द जारी करने की बात कही।
मध्यस्थों के नाम घोषित करें हम जवान सौंप देंगे
इससे पहले मंगलवार को नक्सलियों ने एक बार फिर दावा किया है कि कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मनहार उनके पास हैं और सुरक्षित हैं। नक्सलियों ने कहा है कि सरकार बातचीत के लिए मध्यस्थों के नाम की घोषणा करे, इसके बाद वे जवान को सौंप देंगे। साथ ही नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुई मुठभेड़ में अपने 5 साथियों के मारे जाने की भी पुष्टि की है। तर्रेम क्षेत्र के जीरागुडेम गांव के पास हुई मुठभेड़ के तीसरे दिन मंगलवार को नक्सलियों ने फिर एक प्रेस नोट जारी किया है। इसमें नक्सलियों ने शहीद जवानों के परिवारों के प्रति खेद जताया है। साथ ही मुठभेड़ के बाद जवानों के 14 हथियार और 2000 से ज्यादा कारतूस ले जाने का दावा किया है। यह भी बताया कि नक्सली ओड़ी सन्नी, कोवासी बदरू, पदाम लखमा, माड़वी सुक्खा व नूपा सुरेश मारे गए हैं। इनमें से नक्सली सन्नी का शव नहीं ले जा सके।
दिल्ली में बनी रणनीति
दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता की ओर से जारी किए गए दो पेज के इस प्रेस नोट में कहा गया है कि अगस्त 2020 में गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में दिल्ली में हुई बैठक में ही इस हमले की रणनीति बना ली थी। रायपुर को इसका केंद्र बनाया गया और विजय कुमार ने अक्टूबर में 5 राज्यों के अफसरों के साथ बैठक की। इस अभियान के लिए बस्तर आईजी सुंदरराज पी. को प्रभारी बनाया और डीजी अशोक जुनेजा को विशेष अधिकारी नियुक्त किया। फिर नक्सली बोले- हम वार्ता को तैयार, पर सरकार ईमानदार नहीं।
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