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गर्भवती नर्स को अवकाश न देकर कोविड ड्यूटी कराने और कोरोना से मृत्यु प्रदेश सरकार की संवेदनहीनता व महिला विरोधी चरित्र का नमूना : शालिनी राजपूत

प्रदेश कांग्रेस सरकार एक गर्भवती नर्स को कोरोना का समुचित उपचार तक मुहैया नहीं करा सकी और नर्स को तीन साल की बच्ची को छोड़कर अपनी जान से हाथ ...

प्रदेश कांग्रेस सरकार एक गर्भवती नर्स को कोरोना का समुचित उपचार तक मुहैया नहीं करा सकी और नर्स को तीन साल की बच्ची को छोड़कर अपनी जान से हाथ धोना पड़ा


Aber अबेरन्यूज़ रायपुर। भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत ने धमधा की एक गर्भवती नर्स को गर्भावस्था अवकाश न देकर कोविड ड्यूटी कराने और उस दौरान कोरोना से संक्रमित होने के कारण उक्त नर्स की मृत्यु होने पर प्रदेश सरकार और उसके नौकरशाहों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया और इसे संवेदनहीनता की पराकाष्ठा और प्रदेश सरकार के महिला विरोधी चरित्र का शर्मनाक नमूना बताया है।
जो गर्भावस्था अवकाश न दे, संक्रमण में समुचित उपचार नहीं दे सके, इंजेक्शन और वेंटीलेटर तक मुहैया नहीं करा सके, कांग्रेस की वह प्रदेश सरकार आख़िर किस मुँह से कोरोना-रोकथाम के बेहतर प्रबंधन के दावे कर रही है?

भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती राजपूत ने कहा कि कोरोना संक्रमण की इस दूसरी भयावह लहर में प्रदेशवासियों की जीवनरक्षा के समुचित प्रबंधों और क़ारग़र उपाय करने में प्रदेश सरकार तो बुरी तरह विफल साबित हो ही चुकी है, लेकिन महिलाओं के सम्मान व भावनाओं की रक्षा करने जैसे संवेदनशील मामले में भी प्रदेश सरकार का नज़रिया बेहद तंग हो चला है। शासन-प्रशासन अपने अहंकार और रुतबे के आगे किसी की जान तक को दाँव पर लगाने में कोई हिचक महसूस नहीं कर रहे हैं। श्रीमती राजपूत ने अव्वल तो शासन-प्रशासन पर इस बात के लिए तीखा हमला बोला कि महिलाओं के नाम पर जब-तब बड़ी-बड़ी डींगें हाँकती प्रदेश सरकार ने धमधा निवासी और पिछले एक साल से साजा ब्लॉक के परपोड़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ 29 वर्षीया एएनएम नर्स दुलारी से आठ माह की गर्भावस्था में प्रसव-अवकाश देने के बजाय कोविड ड्यूटी कराई जाती रही।
प्रदेश सरकार को अपने दावों पर इसलिए भी शर्म से गड़ जाना चाहिए कि स्वास्थ्य विभाग रेमिडेसिविर इंजेक्शन तक मुहैया नहीं करा सका और कालाबाज़ार में ख़रीदना पड़ा, समय पर वेंटीलेटर तक नहीं मिला

भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती राजपूत ने प्रदेश सरकार के कोरोना-रोकथाम के प्रबंधों के दावों को निरा खोखला और सफ़ेद झूठ का पुलिंदा बताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार को लिए यह बेहद शर्मनाक है कि वह एक गर्भवती नर्स को कोरोना का समुचित उपचार तक मुहैया नहीं करा सकी और उक्त नर्स को अपनी तीन साल की पहली मासूम बच्ची को हमेशा के लिए छोड़कर अंतत: अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। रेमिडेसिविर इंजेक्शन को लेकर प्रदेश सरकार को अपने दावों पर इसलिए भी शर्म से गड़ जाना चाहिए, क्योंकि प्रदेश सरकार का स्वास्थ्य विभाग अपनी गर्भवती कोरोना संक्रमित नर्स को रेमिडेसिविर इंजेक्शन तक उपलब्ध नहीं करा सका और यह इंजेक्शन उक्त नर्स के जेठ को कालाबाज़ार में चार हज़ार रुपए के बजाय 15-15 हज़ार रुपए में ख़रीदना पड़ा। ऑक्सीज़न लेवल लगातार कम होने पर उक्त नर्स को समय पर वेंटीलेटर तक मुहैया नहीं हो सका।
कोरोना संक्रमण की समुचित रोकथाम में अपने नाकारापन के लिए ज़िम्मेदारी लेकर प्रदेश सरकार को सत्ता छोड़ देनी चाहिए ताकि मानवता की रक्षा हो सके और कांग्रेस की सियासी लफ़्फ़ाजियों से छत्तीसगढ़ को राहत मिले

भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती राजपूत ने कहा कि जो सरकार अपनी गर्भवती नर्स की गर्भावस्था अवकाश की प्रार्थना को अनसुना कर देती है, फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स की संक्रमण की दशा में ठीक तरह से देखभाल नहीं कर सकती, इंजेक्शन और वेंटीलेटर तक मुहैया नहीं करा सकती, कांग्रेस की वह प्रदेश सरकार आख़िर किस मुँह से कोरोना-रोकथाम के बेहतर प्रबंधन के दावे कर रही है? महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता के प्रदेश सरकार के ढोल की पोल अब खुल गई है और इस सरकार को कोरोना संक्रमण की समुचित रोकथाम में अपने नाकारापन के लिए अपनी ज़िम्मेदारी लेकर सत्ता छोड़ देनी चाहिए ताकि प्रदेश की मानवता की रक्षा हो सके और कांग्रेस व उसकी प्रदेश सरकार की सियासी लफ़्फ़ाजियों से छत्तीसगढ़ को राहत मिले।

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