मुख्यमंत्री को बुलाने की मांग पर अड़े परिजन चंदौली। जिस जवान ने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए आने प्राण न्यौछावर कर दिए उस जवान को शहादत ...
मुख्यमंत्री को बुलाने की मांग पर अड़े परिजन
चंदौली। जिस जवान ने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए आने प्राण न्यौछावर कर दिए उस जवान को शहादत के बाद भी अपमान झेलना पड़ा। यह अपमान करने वाली खबर चंदौली से सामने आई है। जहां जवान के अंतिम संस्कार में कोई स्थानीय नेता नहीं पहुंचा। इसके बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार रोक दिया और मुख्यमंत्री को बुलाने की मांग पर उड़ गए। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली हमले में चंदौली के लाल शहीद कोबरा बटालियन के कमांडो धर्मदेव का पार्थिव शरीर मंगलवार की सुबह ठेकहां गांव पहुंच गया। इस दौरान हजारों लोगों ने शहीद को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। वहीं परिवार वालों के साथ ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को बुलाने की मांग करते हुए पार्थिव शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया।
क्षेत्रीय सांसद और विधायक के न पहुंचने से भी लोगों का गुस्सा और बढ़ गया। इसके पहले सोमवार की शाम रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शहीद के पिता रामेश्वर गुप्ता से बात की और ढांढस बंधाया। वहीं, शहीद की पत्नी मीना दो बेटियों ज्योति और साक्षी के साथ बेसुध पड़ी हैं। जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ के बीजापुर के तरेम थाना के जोन्नगुड़ा जंगल में शनिवार दोपहर में हुए नक्सली हमले में चंदौली का लाल धर्मदेव कुमार(32) पुत्र रामाश्रय गुप्ता भी शहीद हो गए थे। परिजनों ने बताया कि शहाबगंज थाना के ठेकहां बड़ागांव निवासी किसान रामाश्रय गुप्ता के तीन पुत्रों में सबसे बड़े धर्मदेव ने बचपन से ही फोर्स में जाने का सपना देखा था। परिजनों ने बताया कि होली के दस दिन पहले ही जल्द लौटने का वादा कर धर्मदेव गांव से गया था। क्या पता था उसके आने से पहले उनकी शहादत की खबर मिलेगी। धर्मदेव की शादी रामनगर के मन्नापुर में मीना देवी से हुई थी। दो बेटियां ज्योति (8) और साक्षी (2) हैं। पत्नी मीना गर्भवती हैं। हमले की खबर मिलते ही परिवार वालों में सन्नाटा पसर गया। रविवार की शाम शहादत की खबर मिलते ही छोटा भाई भी घर के लिए चल चुका था। छोटा बेटा भी छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ में तैनात है।
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