aber news नई दिल्ली। पश्चिम उत्तर प्रदेश की सियासत के दिग्गज नेता प्रमुख चौधरी अजीत सिंह के निधन के बाद आज यानि मंगलवार को आरएलडी के अध्यक्ष...
aber news नई दिल्ली। पश्चिम उत्तर प्रदेश की सियासत के दिग्गज नेता प्रमुख चौधरी अजीत सिंह के निधन के बाद आज यानि मंगलवार को आरएलडी के अध्यक्ष के चुनाव के लिए पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई। कोरोना प्रकोप के चलते यह बैठक वर्चुअल हुई। कार्यकारिणी में 34 सदस्य हैं, जिनके द्वारा अजित सिंह के उत्तराधिकारी के चयन के लिए जयंत चौधरी के नाम का प्रस्ताव पास होगा, जिस पर सभी सदस्यों ने अपनी मंजूरी दी है।
पिता अजित सिंह के इस दुनिया से जाने के बाद जयंत चौधरी पर पूरे 'जाटलैंड' को संभालने और पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेदारी होगी। हालांकि, सूबे की बदली राजनीतिक परिस्थितियों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत में आरएलडी को धुरी बनाकर रखना जयंत चौधरी के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होगा। जयंत चौधरी को राष्ट्रीय लोकदल की कमान ऐसे समय में मिला है जब पार्टी सबसे कमजोर स्थिति में खड़ी है। जयंत चौधरी के कंधों पर यह चुनौती ऐसे समय में आई है, जब आरएलडी का प्रतिनिधित्व न लोकसभा में है और न विधानसभा में है।
2017 के विधानसभा चुनाव में आरएलडी का एकमात्र विधायक छपरौली क्षेत्र से चुना गया, जिसने बाद में बीजेपी का दामन थाम लिया। वहीं, आरएलडी के मुकाबले में 325 सीट जीतने वाली बीजेपी और उनके दादा की विरासत पर कब्जा जमा चुकी सपा है। सपा की कमान अब पूरी तरह से मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश यादव के हाथों में है। वहीं, मोदी लहर के चलते चौधरी अजित सिंह और जयंत चौधरी पिछले दो लोकसभा चुनावों से अपने मजबूत गढ़ से सांसद निर्वाचित नहीं हो पाए थे। ऐसे में आरएलडी में फिर से जान डालना जयंत चौधरी की पहली बड़ी अग्निपरीक्षा होगी।
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