नई दिल्ली। गुरुवार को सोशल मीडिया पर चल रही फर्जी पत्रकारों को जेल भेजने की खबर को पूर्व केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री कर्नल राजवधर्न ...
नई दिल्ली। गुरुवार को सोशल मीडिया पर चल रही फर्जी पत्रकारों को जेल भेजने की खबर को पूर्व केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री कर्नल राजवधर्न सिंह राठौर ने सिरे से नकार दिया है। उन्हों ने कहा कि ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया है और यह खबर पूरी तरह झूठी है। ज्ञात हो कि आम लोगों में नफ रत फैलाने और भीड़ को उकसाने से रोकने के लिए केंद्र सरकार लगातार कई तरह के कदम उठा रही है. बीते कुछ सालों में फर्जी खबरों का बाजार भी गर्म है. अब एक बार फिर सूचना एवं प्रसारण मंत्री के कथित बयान को लेकर अफ वाहों का दौर शुरू हो गया है. इस कथति बयान के आधार पर एक व्हॉट्सऐप समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉम एक मैसेज शेयर किया जा रहा है। अब सरकारी एजेंसी प्रेस इन्फॉर्मेंशन ब्यूरो ने इस अफवाह को खंडन किया है। पीआईबी ने इस बारे में एक ट्वीट भी किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉमर््स पर तेजी से फैलाए जा रहे इस मैसेज में हेडिंग लिखा गया है, फर्जी पत्रकारों के खिलाफ होगा एक्शन एफआईआर और जेल सूचना प्रसारण राज्य मंत्री प्रेसवार्ता। इसी मैसेज में आगे कहा गया है कि भारत के सूचना प्रसारण मंत्रालय ने जाली पत्रकारों पर शिंकजा कसने की तैयार कर ली है. प्रेस ब्रीफिं ग में पत्रकारों से बात करते हुए, सूचना प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राजवधर्न सिंह राठौर ने कहा कि देश भर में पीआईबी ने इस मैसेज का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए कहा है कि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री के कथित वक्तव्य के हवाले से यह दावा किया गया है कि फर्जी पत्रकारों के खिलाफ कार्यवाही कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। पीआईबी ने कहा कि यह दावा फ र्जी है। पूर्व केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री कर्नल राजवधर्न सिंह राठौर ने अपने किसी भी वक्तव्य में यह दावा नहीं किया है।
No comments