बेंगलुरु। कोरोना महामारी के बची वैक्सीन की धूम मची हुई है। रोजाना नई-नई वैक्सीन तैयार की जा रही हैं। इससे लोगों को राहत तो जरूर मिल रही है प...
बेंगलुरु। कोरोना महामारी के बची वैक्सीन की धूम मची हुई है। रोजाना नई-नई वैक्सीन तैयार की जा रही हैं। इससे लोगों को राहत तो जरूर मिल रही है पर आने वाले समय में कहीं यहीं वैक्सीन्स लोगों में भ्रम पैदा न कर दें। बहरहाल जो भी हो पर अच्छी बात यह है कि बेंगलुरु बेस्ड फार्मास्युटिकल कंपनी जायडस कैडिला ने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से 12 साल और उससे ज्यादा की उम्र के लोगों के लिए अपनी डीएनए वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मांगी है. इस वैक्सीन के तीनों चरणों का ट्रायल पूरा हो चुका है. अगर डीसीजीआई से इस वैक्सीन को मंजूरी मिल जाती है तो फिर देश में जारी टीकाकरण अभियान में ये वैक्सीन भी जल्द शामिल हो सकती है। जायडस कैडिला की वैक्सीन का हाल ही में तीसरे चरण का ट्रायल पूरा किया गया है. कंपनी ने कहा कि वैक्सीन का ट्रायल देशभर के 50 सेंटर्स पर किया गया है. ये पहली बार है जब देश में 12 से 18 उम्र वर्ग की आबादी में किसी टीके का ट्रायल किया गया है। जायडस कैडिला की वैक्सीन के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के डेटा से पता चलता है कि जायकोव-डी टीका 12 से 18 उम्र वर्ग के बच्चों के लिए सुरक्षित है. कंपनी ने कहा कि अंतरिम डेटा में वैक्सीन सुरक्षा और प्रभावकारिता के मानकों पर खड़ी उतरी है।
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