गैस सिलेंडर के बढ़ते दामों से परेशान महिलाएं लकड़ी के चूल्हे में खाना बनाने को मजबूर केन्द्र सरकार के हर योजना के तरह उज्ज्वला योजना भी फ्लाप...
गैस सिलेंडर के बढ़ते दामों से परेशान महिलाएं लकड़ी के चूल्हे में खाना बनाने को मजबूर
केन्द्र सरकार के हर योजना के तरह उज्ज्वला योजना भी फ्लाप
abernews रायपुर। हर योजना की तरह केन्द्र सरकार के उज्ज्वला योजना भी असफल रहा। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस सहित हर क्षेत्र में महंगाई चरम सीमा पर है। पहले ही कोरोना काल में व्यापारी, किसान मजदूर वर्ग के लोग सहित हर तबके के लोगों के धंधे चौपट हो चुके हैं, वहीं महंगाई से दोहरी मार पड़ रही है। केन्द्र सरकार ने देश के आमजन को आर्थिक मुसीबत के साथ बेहाल कर दिया है। गृहणियों के रसोई का बजट गड़बड़ा गया है। रसोई गैस की कीमत में 950 रूपये लगभग होने से किचन में आग लग गई है। उज्ज्वला योजना मे 90 प्रतिशत लोग गैस रिफिलिंग नहीं करवा रहे है। गैस का दाम बढ़ने से जहां गृहस्थी पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है, उज्ज्वला योजना के अधिकांश उपभोक्ताओं ने आर्थिक तंगी से जुझने के कारण सिलेंडर में गैस भरवाना बंद कर दिया। गैस के दाम में बेतहाशा वृद्धि से महिलाएं परेशान हो गई हैं। आर्थिक तंगी से जूझ रहे उज्ज्वला योजना के लाभुकों को गैस सिलेंडर भरवाना किसी चुनौती से कम नहीं है। गांव में महिलाएं गैस सिलेंडर के उपयोग करना बंद कर गैस सिलेंडर को बांध कर छज्जे पर फेंक रहे है। गैस सिलेंडर की मूल्य वृद्धि से निम्न व मध्यम वर्ग की गृहस्थी भी बिगड़ रही है। महिलाएं मजबूरन पारंपरिक संसाधन लकड़ी, गोंइठा व कोयला से खाना बना रही है। अब नरेंद्र मोदी को महिलाओं के आंसू दिखाई नहीं दे रहे है। छत्तीसगढ़ से भारतीय जनता पार्टी की महिला सांसद महंगाई के मुद्दे को गंभीरता से ले, कमरतोड़ महंगाई से महिलाओं की परेशानियों को दिल्ली में जाकर नरेंद्र मोदी को बताये और साथ में स्मृति ईरानी को कहे कि महिलाएं पूछ रही है कि यूपीए सरकार में जब गैस सिलेंडर के दाम 390 रूपये था तो सड़क में लकड़ी के चूल्हे लेकर खाना बनाती थी अब वही गैस सिलेंडर के दाम 900 रूपये लगभग हो गई है तो अब वह महंगाई के विरोध में सड़क पर नजर क्यों नही आती? क्या भाजपा के नेता गण गहरी निंद्रा में है? जनता के खून पसीने के कमाई पर डाका डाल कर उज्ज्वला योजना के प्रचार-प्रसार के लिये करोड़ों खर्चे किये।
प्रदेश कांग्रेस वंदना राजपूत ने कहा कि ईंधन में लगातार हो रही वृद्धि से स्पष्ट है कि केंद्र सरकार को लोगों की लगातार ‘‘घटती आय’’ और ‘‘बढ़ रही महंगाई’’ से उत्पन्न होने वाली समस्याओं से पीड़ित आम लोगों की कोई फिक्र नहीं है। मनमोहन सिंह सरकार एक ऐसी सरकार थी जो आज के मुकाबले 50 प्रतिशत से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय मूल्य पर एलपीजी खरीदकर देश के ग्राहकों को आज से आधे दामों पर सब्सिडी पर देती थी। उन्होंने कहा, ‘‘इसी प्रकार पेट्रोल और डीजल पर भी जनता पर कम टैक्स लगाने के बावजूद कच्चे तेल के अंतर्राष्ट्रीय मूल्यों पर अंडर रिकवरी, यानि मूल्यों से बहुत कम वसूला जाता था।’’ उन्होंने कहा कि आज के समय में जो सब्सिडी वाला सिलेंडर 840 लगभग रुपये का बिक रहा है, वो कांग्रेस के समय 400 रुपये के करीब था। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र सरकार के गलत नेतृत्व के कारण उज्ज्वला योजना भी फ्लाप हो गई।
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