नई दिल्ली। हमारे देश में प्रतिभा की कमी नहीं है। यह प्रतिभा देश हो या विदेश कहीं भी देखने को मिल जाती है। हर हाल में भारत का नाम ही रोशन ह...
नई दिल्ली। हमारे देश में प्रतिभा की कमी नहीं है। यह प्रतिभा देश हो या विदेश कहीं भी देखने को मिल जाती है। हर हाल में भारत का नाम ही रोशन होता है। ऐसी ही एक उपलब्धि भारत को भारत से ताल्लुक रखने वाले अमेरिकी ब्वॉय अभिमन्यु मिश्रा ने दिलाई। वे चेस इतिहास के सबसे युवा ग्रैंड मास्टर बन गए हैं. इस मामले में उन्होंने रूस के ग्रैंडमास्टर सर्जी कर्जाकिन के नाम पर 19 साल पहले दर्ज हुआ रिकॉर्ड तोड़ दिया है. अभिमन्यु मिश्रा 12 साल 4 महीने और 25 दिन में ग्रैंडमास्टर बने हैं. जबकि अगस्त 2002 में जब कर्जाकिन सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बने थे, तब उनकी उम्र 12 साल और 7 महीने थी. यानी कि उम्र में 3 महीने के फासले से अभिमन्यु ने रूसी ग्रैंडमास्टर का सालों पुराना रिकॉर्ड तोड़ा है। अभिमन्यु मिश्रा ने बुडापेस्ट में आयोजित ग्रैंडमास्टर टूर्नामेंट में भारतीय ग्रैंडमास्टर लियॉन मेनडोंका को हराकर ये उपलब्धि हासिल की है। अभिमन्यु ने कहा कि लियॉन के खिलाफ मुकाबला मुश्किल था, पर आखिर में उन्होंने जो गलती की उसका मुझे फायदा मिला। मैंने उन गलतियों का अच्छे से फायदा उठाया. जीत के साथ सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बनने की उपलब्धि हासिल कर अब मैं खुश हूं। अभिमन्यु मिश्रा के पिता अमेरिका के न्यू जर्सी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. और, उन्होंने ही अपने बेटे के यूरोप जाकर ग्रैंडमास्टर टूर्नामेंट में खेलने का बड़ा फैसला लिया था, जिसका असर ये हुआ कि अभिमन्यु चेस इतिहास के सबसे युवा ग्रैंड मास्टर बने हैं। हेमंत ने कहा हम जानते थे कि ये हमारे लिए बड़े मौके की तरह है. हम बैक टू बैक टूर्नामेंट खेलने अप्रैल के पहले हफ्ते में बुडापेस्ट पहुंचे थे. ये मेरा और मेरी पत्नी स्वाति का सपना था कि हमारा बेटा अभिमन्यु सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बने. आज ये सपना साकार हुआ. हम अपनी खुशी को बयां नहीं कर सकते।
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