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निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने के बजाय अधिकारी इसे जायज़ ठहराकर अभिभावकों की परेशानी बढ़ा रहे : भाजपा

भाजपा  के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व शिक्षा मंत्री ने प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में लाइब्रेरी और खेलकूद की मद में फ़ीस देने और नए स्कूल युनिफार्...

भाजपा  के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व शिक्षा मंत्री ने प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में लाइब्रेरी और खेलकूद की मद में फ़ीस देने और नए स्कूल युनिफार्म के लिए दबाव बनाए जाने पर कड़ा ऐतराज़ जताया


abernews रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व शिक्षा मंत्री श्री केदार कश्यप ने प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में लाइब्रेरी और खेलकूद की मद में फ़ीस देने और नए स्कूल युनिफार्म के लिए दबाव बनाए जाने पर कड़ा ऐतराज़ जताया है। श्री कश्यप ने हैरत जताई कि निजी स्कूलों की इस मनमानी पर अंकुश लगाने के बजाय ज़िम्मेदार अधिकारी इसे जायज़ ठहराकर आम अभिभावकों की परेशानी बढ़ा रहे हैं।


 श्री कश्यप ने कहा कि प्रदेश में कोरोना की आपदा को डेढ़ साल होने आए हैं और प्रदेश सरकार के जारी तमाम आदेश महज़ क़ागज़ी क़वायद साबित हो रहे हैं। आज भी पालक बहुत ज़्यादा परेशान हैं क्योंकि कोई लाइब्रेरी के नाम पर तो कोई खेलकूद फ़ीस और स्कूल युनिफॉर्म के नाम पर पालकों पर लगातार दबाव बना रहे हैं, जबकि कोरोना के कारण दो सत्र से बच्चे घर पर ही वर्चुअल क्लास में हिस्सा लेकर पढ़ाई कर रहे हैं। श्री कश्यप ने कहा कि यह स्थिति बताती है कि प्रदेश सरकार और उसकी प्रशासनिक मशीनरी पूरी तरह संवेदनहीन हो चली है। प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली तो शुरू से ही साफ़ थी कि वह प्रदेश के इन परेशान अभिभावकों के लिए कोई सकारात्मक पहल करे। यह प्रदेश सरकार न तो स्कूलों के लिए और न ही पालकों की परेशानी दूर करने के लिए कुछ कर रही है। प्रदेश सरकार एक तरह से तमाशबीन की तरह काम कर रही है।


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