कांकेर। कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद मोहन मंडावी द्वारा अपने कार्यालय से प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है, जिसमें सूचित किया गया है कि सांस...
कांकेर। कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद मोहन मंडावी द्वारा अपने कार्यालय से प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है, जिसमें सूचित किया गया है कि सांसद ने लोकसभा में धर्मांतरण का मुद्दा उठाया, जिसमें बस्तर के सुकमा तथा छत्तीसगढ़ के अन्य आदिवासी बहुल क्षेत्रों में चल रहे धर्मान्तरण का विरोध करते हुए मांग की गई है कि जो लोग विशेषकर आदिवासी यदि धर्मांतरण करते हैं, तो उनका आरक्षण समाप्त किया जाए। मोहन मंडावी के अनुसार धर्मांतरण के द्वारा छत्तीसगढ़ की संस्कृति पर हमला किया जा रहा है । उल्लेखनीय है कि कांकेर लोकसभा के वर्तमान सांसद मोहन मंडावी पूर्व में तुलसी मानस प्रतिष्ठान के अध्यक्ष रह चुके हैं तथा मानस के माध्यम से उन्होंने छत्तीसगढ़ की संस्कृति, बोली, भाषा आदि की रक्षा हेतु बहुत प्रयास किए हैं, जिनके परिणाम भी निकले हैं। सांसद ने बताया कि सुकमा के पुलिस अधीक्षक द्वारा स्वीकार किया गया है कि उनके क्षेत्र में धर्मांतरण हुआ है लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी के नेता, विधायक, मंत्री ,सभी अलग-अलग परस्पर विरोधी बयान देते आ रहे हैं। ऐसे लोगों से आशा नहीं की जा सकती कि वे इस विषय में कोई कदम उठाएंगे। इसीलिए मैंने यह मामला लोकसभा में उठाया है। ज्ञातव्य है कि मोहन मंडावी पूर्व में भी धर्मांतरण के मुद्दे पर लोकसभा में बयान दे चुके हैं।
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