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स्कूल खोलने पर बच्चो के स्वास्थ्य के जिम्मेदारी न लेने वाले शिक्षा मंत्री सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसजनों ने स्कूल पहुँचकर बच्चो की जान को खतरे में डाला:भाजयुमो

abernews रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू और भाजयुमो के प्रदेश मीडिया प्रभारी उमेश घोरमोड़े ने संयुक्त बयान जारी कर  शा...


abernews रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू और भाजयुमो के प्रदेश मीडिया प्रभारी उमेश घोरमोड़े ने संयुक्त बयान जारी कर  शालाएँ खुलने के पहले दिन ही राजधानी की आरडी तिवारी स्कूल में शाला शुरू कराने प्रदेश के शिक्षा मंत्री के साथ भारी संख्या में पहुँचे कांग्रेस नेताओं पर जमकर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस के लोग हर मौक़े को अपने लिए राजनीति का अवसर बनाने की शर्मनाक कोशिशें करके न केवल अपने ओछेपन का प्रदर्शन कर रहे हैं, अपितु कोरोना आपदा के इस भयावह काल में नौनिहालों के जीवन के साथ क्रूर खिलवाड़ भी कर रहे हैं। श्री साहू और श्री घोरमोड़े ने कहा कि सोमवार को स्कूल खुलवाने पहुँचे मंत्री ,संसदीय सचिव और कांग्रेस नेताओं ने एक बार फिर कोरोना गाइडलाइन की धज्जियाँ उड़ाने का आपराधिक कृत्य करने में ज़रा भी हिचकिचाहट महसूस नहीं की। कांग्रेस सरकार का यह राजनीतिक आचरण कोरोना की रोकथाम के मामले में दुर्भावनापूर्ण और निंदनीय है।

भाजयुमो नेता द्वेय अमित साहू और उमेश घोरमोड़े ने कहा कि एक ओर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों में इज़ाफ़ा हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ़ प्रदेश सरकार ने स्थानीय व्यवस्था के आधार पर प्राथमिक कक्षाओं, आठवीं, 10वीं और 12वीं की कक्षाओं के संचालन की अनुमति दे दी है। विद्यार्थियों की काफ़ी उपस्थिति के बीच इस तरह के आयोजनों से प्रदेश सरकार क्या एक बार फिर प्रदेश में कोरोना का हाहाकार मचाने पर आमादा है? एक तो स्कूल खोले जाने संबंधी आदेश ही विसंगतियों से भरा पड़ा है। आदेश में यह नहीं बताया गया है कि इन कक्षाओं के विद्यार्थी स्कूल पहुँचेंगे कैसे? श्री साहू और श्री घोरमोड़े ने कहा कि प्राथमिक कक्षाओं के छात्रों को बुलाए जाने, लेकिन माध्यमिक कक्षाओं के छात्रों को नहीं बुलाए जाने के पीछे प्रदेश सरकार की मंशा समझ से परे है। प्रदेश शासन के इस संबंध में जारी अज़ीब-ओ-ग़रीब आदेश ने सभी को उलझाकर रख दिया है। सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं के दृष्टिगत एकाएक स्कूल खोलने के इस आदेश के निहितार्थ क्या हैं? फिर कक्षा पहली से 12वीं तक सिर्फ़ चार कक्षाओं के छात्रों को शाला आने से क्यों रोका जा रहा है? फिर दूरदराज़ के विद्यार्थी सार्वजनिक वाहनों से स्कूल पहुँचेंगे तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कैसे होगा और क्या तब कोरोना संक्रमण के फैलने की आशंका नहीं रहेगी?

भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू और भाजयुमो प्रदेश मीडिया प्रभारी उमेश घोरमोड़े ने कहा कि 31 जुलाई को जहाँ प्रदेश में संक्रमण की दर 0.2 प्रतिशत थी, वहीं अगले दिन अर्थात् 01 अगस्त को यह दर बढ़कर 0.9 प्रतिशत पर पहुँच गई। दुर्ग में 70 और रायपुर में 39 संक्रमितों के साथ ही प्रदेशभर में स्कूल खुलने से ठीक एक दिन पहले रविवार को 241 मरीज पाए गए हैं। प्रदेश सरकार ने विद्यालयों में पढ़ाई शुरू करने का फ़रमान जारी कर बच्चों को संक्रमण से बचाने की ज़िम्मेदारी पालकों पर थोपकर अपनी ज़िम्मेदारी से मुँह चुराने का काम किया है। श्री साहू और श्री घोरमोड़े ने कहा कि कोरोना से बचाव की ज़िम्मेदारी पालकों पर डालने वाली प्रदेश सरकार इस सवाल का ज़वाब दे कि क्या कोरोना की आशंकाओं और उसकी रोकथाम के लिए सिर्फ़ पालक ही ज़िम्मेदार हैं? बच्चों में इम्युनिटी का स्तर अच्छा होने के बाद भी इस आशंका को कैसे नज़रंदाज़ किया जा सकता है कि इन बच्चों के कारण घर के बड़े-बुजुर्गों में संक्रमण का ख़तरा बढ़ सकता है। श्री साहू और श्री घोरमोड़े ने कहा कि प्रदेश सरकार के इस आदेश ने छात्रों-पालकों के साथ-साथ स्कूल प्रबंधन और शिक्षकों को भी उलझा रखा है। इससे प्रदेश सरकार के कन्फ़्यूज़्ड होना ज़ाहिर होता है। प्रदेश सरकार सिर्फ़ तुग़लक़ी फ़ैसले ले रही है और उससे जुड़े अन्य सभी पहलुओं को नज़रंदाज़ कर रही है। प्रदेश सरकार अपने ग़लत फ़ैसलों के प्रतिकूल परिणामों से भी सबक नहीं ले रही है और ऐसे समय में ख़तरों को न्योता देने पर उतारू है, जब कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों के प्रभावित होने की सबसे ज़्यादा आशंका जताई जा रही है।

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