abernews प्रयागराज । पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बारिश और राजस्थान के धौलपुर से बुधवार करीब 18 लाख क्यूसेक छोड़े गये पानी के चलते प्रयागराज ...
abernews प्रयागराज । पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बारिश और राजस्थान के धौलपुर से बुधवार करीब 18 लाख क्यूसेक छोड़े गये पानी के चलते प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच गयी है।
बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार प्राप्त आंकडों के अनुसार फाफामऊ में गंगा का जलस्तर शनिवार सुबह आठ बजे 83.86 मीटर दर्ज किया गया था जो शाम चार बजे तक 23 सेंटीमीटर बढ़कर 84.09 मीटर हो गया। छतनाग में गंगा का जलस्तर सुबह आठ बजे 83.06 मीटर दर्ज किया गया था। दोपहर तक इसके जलस्तर में 14 सेंटीमीटर का इजाफा होकर 83.20 मीटर पर पहुंचने के बाद स्थिर हो गया।
यमुना का जलस्तर गंगा की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ रहा है। यमुना (नैनी) का जलस्तर सुबह आठ बजे 83.62 मीटर दर्ज किया गया था। दोपहर 12 बजे तक इसमें 15 सेंटीमीटर का इजाफा होकर 83.77 पर पहुंच गया। उसके चार घंटे बाद चार बजे इसका जलस्तर और 11 सेंटीमीटर बढ़कर 83.88 मीटर पर पहुंच गया। खतरे के निशान 84.73 मीटर दर्ज है। गंगा और यमुना का जलस्तर चार घंटे में 11 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि संगम क्षेत्र में जल पलिस, एसडीआरएस और पीएसी और एनडीआरएफ को एलर्ट कर दिया गया है। गोताखोर लगातार स्टीमर से चक्रमण कर रहे हैं। कमिश्नर संजय गोयल और डीएम संजय कुमार खत्री ने शुक्रवार को बघाड़ा, दारागंज सहित कई बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। साथ ही एसटीपी और पम्प हाउस का भी निरीक्षण किया। बाढ़ से प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर भेजने और पीने के पानी, खाने, विद्युत एवं साफ.सफाई की व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए गये हैं।
तेजी से बढ़ते गंगा के जलस्तर से शहर के निचले इलाके गंगापुरी, अशोक नगर, दशास्वमेघ घाट, म्योराबाद,छोटा बघाड़ा, सलोरी,कैलाशपुरी, ओम गायत्री नगर, चिल्ला, सदियाबाद, चांदपुर, राजापुर, नेवादा,बेली गांव, नया पुरवा और नीवां तथा यमुना का जलसतर बढने से शहर से सटकर बहने वाली ससुर खदेरी नदी के तटवर्ती करेलाबाग, गौसनगर, सदियापुर मुहल्लों में आदि में पानी पहुंचने से खलबली मच गई है। कई घरों में पानी भर गया है। लोग पलायन कर रहे हैं। कुछ लोग बाढ़ चौकियों में शरण ले चुके हैं।
छावनी क्षेत्र के ओल्ड कैंट हाईस्कूल में 73 लोगों से अधिक शरण ले चुके हैं जबकि छोटा बाघड़ा के एनीबेसेंट स्कूल में बनाए गए शरणार्थी में करीब 60 लोग शरण लिए हैं। किसानों के सैकडों एकड़ भूमि पर दलहन और धान की फसल पानी की भेंट चढ़ गयी। इसके अलावा श्रृगवेरपुर, कौड़हिार, फाफामऊ, थरवई, सोनौटी, बदरा, झूंसी, नैनी, कोटवा, बेलवार, कतवारीपुर, सिरसा, हंडिया , करछना, औद्योगिक क्षेत्र के आसपास के कछारी इलाकों मे पानी भर गया है।
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