abernews बिलासपुर। बिलासपुर के एक किसान ने ग्रामीणों की मदद से मछली पालन के लिए रखे अपने तालाब में डेरा जमाए 6 फीट के मगरमच्छ को पकड़कर वन व...
abernews बिलासपुर। बिलासपुर के एक किसान ने ग्रामीणों की मदद से मछली पालन के लिए रखे अपने तालाब में डेरा जमाए 6 फीट के मगरमच्छ को पकड़कर वन विभाग को सौंप दिया।पूरा मामला बिल्हा विकासखंड के ग्राम पंचायत खैरखंडी का है जहां पर मगरमच्छ को पकड़कर ग्रामीण उसे रस्सी से बांध कर वन विभाग का इंतजार करते रहे। बाद में जब वन विभाग की टीम पहुंची तब मगरमच्छ को खुटाघाट बांध में छोड़ा गया। दरअसल, बिल्हा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत खैर कुंडी के किसान रमेश राजपूत ने 6 साल पहले मछली पालन के लिए गांव के ही तालाब को किराए पर लिया था, लेकिन अब इस ताबाब में मगरमच्छों ने अपना डेरा जमा लिया है। जिसकी वजह से मछली पालन के समस्या हो रही है। 6 साल से लगातार वन विभाग को इन मगरमच्छों से निजात दिलाने के लिए गुहार लगाई गई, लेकिन कोई सुनवाई ना होने पर अब इन्होंने दूसरे ग्रामीणों के साथ मिलकर खुद ही इन्हें पकडऩा शुरू कर दिया।
एक फंसा जाल में बाकी 2 भागकर नदी में पहुंचे
किसान ने बताया कि तालाब में कई मगरमच्छ ने डेरा जमा लिया है और मछलियों को अब वह खा रहे हैं। परेशान होकर ग्रामीणों की मदद से किसान में तालाब में जाल डालकर मगरमच्छ को पकडऩे कि कोशिश की। इस दौरान 2 बड़े मगरमच्छ पास की नदी में चले गए वहीं एक मगरमच्छ जिसकी लंबाई 6 फीट है वह जाल में फंस गया। जिससे ग्रामीणों ने रस्सी से बांध कर रखा था। खूंटाघाट बांध में बड़ी संख्या में मगरमच्छ मौजूद हैं। प्रशासन ने इन्हें दुर्लभ प्राणियों की श्रेणी में रखा है। आसपास रहने वाले ग्रामीणों और उनके बीच हमेशा संघर्ष की स्थिति बनी रहती है। पिछले साल बांध में 2 मगरमच्छों का शव मिला था। आशंका जताई गई थी की इनका शिकार किया गया है। लेकिन वन विभाग की तरफ से इन मामलों में कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। कई साल पहले यहां क्रोकोडाइल पार्क बनाने की चर्चा ने चोर पकड़ा था जिसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
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