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बिजली दरों पर नाममात्र की वृद्धि का विरोध भाजपा की राजनीतिक नौटंकी है : सुरेन्द्र वर्मा

छत्तीसगढ़ की जनता को अब बिजली के झटके देती केंद्र की मोदी सरकार   बिजली देश की जीवन रेखा है, मोदी सरकार ऊर्जा संसाधनों को भी राज्यों से छीन क...

छत्तीसगढ़ की जनता को अब बिजली के झटके देती केंद्र की मोदी सरकार
 बिजली देश की जीवन रेखा है, मोदी सरकार ऊर्जा संसाधनों को भी राज्यों से छीन कर चंद पूंजीपतियों को देने तत्पर है


abernews रायपुर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने बिजली दरों पर मामूली वृद्धि पर भाजपा के विरोध प्रदर्शन को राजनैतिक नौटंकी करार देते हुए कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण विद्युत की प्रोडक्शन लागत बढ़ी है, जिससे छत्तीसगढ़ में ढ़ाई साल बाद बिजली की दरों में मामूली वृद्धि की गई है। पूर्ववर्ती रमन सरकार में प्रत्येक वर्ष विद्युत विनियामक आयोग विद्युत दरों के संदर्भ में बढोतरी के फैसले लेती रही है। रमन सरकार में औषत प्रतिवर्ष 6 परसेंट की दर से 9 बार बिजली के दरों में वृद्धि की गई थी। कांग्रेस सरकार के ढ़ाई साल में तो अभी पहली बार जन-सुनवाई के बाद मात्र 37 पैसे की मामुली बढ़ोत्तरी की गईं है। बढ़ोतरी का मूल कारण भी मोदी सरकार के द्वारा निर्मित महंगाई है, जिसके कारण से बिजली का उत्पादन लागत बढ़ा है। केंद्र की मोदी सरकार ने कोयले पर ग्रीन टैक्स लगभग 8 गुना बढ़ाया है, मोदी राज में डीजल पर सेंट्रल एक्साइज में 10 गुना मुनाफाखोरी की जा रही है, रेलवे का माल भाड़ा लगभग 40 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है और खदानों पर ही कोयले के दाम में केंद्र की मोदी सरकार ने बेतहाशा वृद्धि की है जिसकी वजह से बिजली के प्रोडक्सन की लागत बढ़ी है।
 इसके बाबजूद छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने प्रदेश की जनता का ध्यान रखते हुए, मजबूरी में बिजली के दरों में मामूली बढ़ोतरी की है। लेकिन भूपेश सरकार की इस जनहितकारी निर्णय से भाजपा बौखला गई है। इस विषय पर बीजेपी प्रायोजित विरोध प्रदर्शन और बवाल केवल राजनैतिक नौटंकी है। 15 साल के भाजपा के कुशासन में 1.5 प्रतिशत सरचार्ज वसूला जाता था। भूपेश बघेल सरकार में सरचार्ज मात्र एक परसेंट है। गैर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सिंगल फेस की निर्धारित सीमा 2250 से बढ़ाकर 5000 वाट कर दिया गया है। भूपेश सरकार द्वारा शहरी क्षेत्र में नए कनेक्शन में 200 मीटर और गांव में 500 मीटर तक के नए कनेक्शन में लाइन अफोर्डिंग चार्ज में छूट दी जा रही है। सिंगल फेस के उपभोक्ताओं हेतु संवाद भार की सीमा 3 किलो वाट से बढ़ाकर 5 किलो वाट किया गया है। महिला सशक्तिकरण हेतु पंजीकृत महिला स्व सहायता समूह द्वारा संचालित कृषि एवं संबंधित गतिविधियों और व्यवसायिक गतिविधियों को ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। दूरस्थ जिलों में संचार व्यवस्था को सुदृढ़ कर मोबाइल संपर्क की सुविधा को विस्तारित करने के लिए नए मोबाइल टावर की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए 1 अप्रैल 2019 से लगने वाले मोबाइल टावर के उर्जा प्रभार में 50 प्रतिशत की छूट को भी जारी रखा गया है। घरेलू उपभोक्ताओं के साथ ही कृषि और उद्योग में को दी जाने वाली राहत भी यथावत है। छत्तीसगढ़ की जनता के हित में लिए गए भूपेश सरकार के निर्णय और जन हितेषी कार्यों से भाजपा के पेट में दर्द हो रहा है। यही कारण है कि भाजपा लगातार वह पर सरकार के विरोध में दुष्प्रचार कर रही हैं। जनहितकारी भूपेश सरकार को परेशान कर रही है करने के लिए भाजपा सारे हथकंडे अपना रही है तरह-तरह के प्रपंच रचे जा रहे हैं फिर चाहे मुझसे छत्तीसगढ़ की जनता का नुकसान ही क्यों ना हो जाए।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि पूंजीवाद ही भाजपा और मोदी सरकार का असल एजेंडा है। बिजली देश की जीवन रेखा है, राज्य सूची का विषय है, लेकिन इस कोरोना काल में मोदी सरकार पिछले दरवाज़े से मानसून सत्र में विद्युत अमेंडमेंट एक्ट लाने की तैयारी में है। राज्यों के अधिकारों पर कुठाराघात करके उर्जाके तमाम संसाधन अपने चहेते पूंजीपतियों के हाथों में सौंपने की साजिश रच रही है मोदी सरकार। मोदी सरकार की नई बिजली पॉलिसी में लाइन और सप्लाई को अलग-अलग रखने की बात कही जा रही है। जिसका स्पष्ट मतलब है कि निजी कंपनियों के द्वारा उत्पादित बिजली को सप्लाई के लिए सरकारी लाइन के उपयोग करने की इजाजत दी जाए। जिस तरह से बीएसएनएल के इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग जिओ को स्थापित करने में किया गया, उसी तरह से सरकारी संसाधनों से  चंद निजी पावर कंपनियों को उपकृत करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। सर्वविदित है कि साहेब के मित्र की कंपनी अडानी पावर इस क्षेत्र में बडे़ प्लेयर हैं, और उसी के मुनाफे को केंद्रित करके मोदी सरकार की योजनाएं लॉन्च हो रही है। राज्य सूची के विषय, विद्युत पर केंद्र सरकार द्वारा विद्युत अमेंडमेंट एक्ट लाने की साजिश उसी का परिणाम है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि भाजपा का वादा था छत्तीसगढ़ के किसानों को सिंचाई के लिए बिजली मुफ्त देने का, 15 साल वादाखिलाफी करते रहे। ऊर्जा विभाग में बड़े-बड़े घोटाले-घपले रमन सरकार में हुआ करते थे, कोरबा वेस्ट पावर प्लांट में किए गए घोटाले भी सर्वविदित है। छत्तीसगढ़ की वर्तमान सरकार तो पूरी पारदर्शिता बरत रही हैं। “मोर बिजली“ ऐप के माध्यम से सारी सुविधाएं और खपत, गणना, भुगतान और शिकायत संबंधी सभी सुविधाएं मोबाइल पर ही दी जा रही है। भूपेश बघेल सरकार ने तो स्पष्ट कहा है कि बिजली बिल हाफ की योजना आगे भी सतत जारी रहेगी। अपनी पूंजीवादी और गलत आर्थिक नीतियों से भाजपा ने जिस तरह देश का बेड़ा गर्त किया है, वैसे ही भाजपा छत्तीसगढ़ को भी बर्बाद करना चाहती है, लेकिन छत्तीसगढ़ की जनता और सरकार भाजपा के इन कुत्सित प्रयासों को कभी सफ़ल नहीं होने देंगे।




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