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प्रदेश की 9 माइनिंग कंपनियों ने सरकार को लगाया 250 करोड़ रुपए का चूना

 रायपुर। छत्तीसगढ़ की माइनिंग कंपनियां सरकारी खजाने को ही करोड़ों रुपए का चूना लगा रही हैं। रायपुर सेंट्रल जीएसटी की टीम की जांच में 250 करो...


 रायपुर। छत्तीसगढ़ की माइनिंग कंपनियां सरकारी खजाने को ही करोड़ों रुपए का चूना लगा रही हैं। रायपुर सेंट्रल जीएसटी की टीम की जांच में 250 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी का खुलासा हुआ है. राज्य के 9 खनन कंपनियों ने जीएसटी की चोरी है. इन सभी प्रमुख माइनिंग कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। जीएसटी नहीं पटाने वाली कंपनियों पर सीधे कार्रवाई होगी। खनन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर जीएसटी की चोरी हो जा रही है। केंद्रीय जीएसटी विभाग के संयुक्त आयुक्त श्रवण कुमार बंसल ने प्रेस नोट जारी कर यह जानकारी दी है. जिसमें कहा गया है कि अगस्त महीने के दौरान केन्द्रीय जीएसटी विभाग रायपुर ने छत्तीसगढ़ के कुछ प्रमुख माइनिंग कंपनियां के यहां सत्यापन कार्रवाई की, जिन्हें राज्य सरकार ने खनन गतिविधियों के लिए ठेके-लाइसेंस प्रदान किया है। इस कार्रवाई में जीएसटी के भुगतान की जांच की गई। जिन कंपनियों को खनन अधिकार दिए जाते हैं, उन्हें प्राकृतिक संसाधनों के अन्वेषण अधिकार की एवज में सरकार को विभिन्न शुल्क और लेवी जैसे रॉयल्टी, डीएमएफ (जिला खनिज कोष) शुल्क, एनएमईटी (राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट), विकास उपकर, पर्यावरण उपकर का भुगतान करना होता है। सीजीएसटी अधिनियम 2017 के अनुसार जिन संस्थाओं को खनन अधिकार प्रदान किया जाता है, उन्हें सरकार को भुगतान किए गए शुल्क और लेवी पर जीएसटी का भुगतान करना आवश्यक है। इस कार्रवाई के दौरान विभाग को यह मिला कि कई निर्धारित ऐसे सभी शुल्कों और लेवी पर उचित जीएसटी का भुगतान कर रहे थे, लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों सहित कुछ प्रमुख निर्धारित विकास उपकर और पर्यावरण उपकर जैसी लेवी पर जीएसटी का भुगतान नहीं कर रहे थे।

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