-जिपं द्वारा जारी पत्र को जपं सीईओ ने नहीं दी तबज्जो, किया किनारे मामला पुटपुटा पंचायत की शिकायत और जांच का कवर्धा- जिले के उच्चाधिकारियों ...
-जिपं द्वारा जारी पत्र को जपं सीईओ ने नहीं दी तबज्जो, किया किनारे
मामला पुटपुटा पंचायत की शिकायत और जांच का
कवर्धा- जिले के उच्चाधिकारियों द्वारा अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को संरक्षण प्रदान करते हुए शिकायत के जांच में देरी की जा रही है, जिससे जिससे जिले में भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। एक तरफ लोकसेवा गारंटी अधिनियम बनाया गया है तो उसे पालन करवाने वाले स्वयं पालन नहीं करते जिसका ताजा उदाहरण पंडरिया विकासखंड के वनांचल ग्राम पंचायत पुटपुटा का है। आवेदक द्वारा चौदहवें वित्त की राशि के दुरुपयोग को लेकर जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी समक्ष दिनांक 20 जनवरी 2021 व जनपद पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी के समक्ष दिनांक 21 जनवरी 2021 को आवेदन किया, लेकिन आज तक किसी प्रकार की कोई जांच नहीं हुई है । आरोप लगाया गया है कि ग्राम पंचायत की सचिव सीमा धुर्वे के द्वारा पंचायतीराज अधिनियम के सारे नियम कायदे को किनारे करते हुए सरकारी धन का खुला दुरुपयोग किया है ।
कार्यवाहक सरपंच के नाम पर बिल
पंडरिया विकासखंड के वनांचल ग्राम पंचायत पुटपुटा के पंचायत सचिव सीमा धुर्वे के द्वारा शासकीय राशि 14वें वित्त में गंभीर अनियमितता करते हुए राशि का बंदरबांट किया है जिसमें शासन के नियमों की अनदेखी करते हुए मनमाने ढंग से राशि व्यय किया गया है। सूचना के अधिकार से प्राप्त दस्तावेज के अनुसार पंचायती राज अधिनियम के तहत पदेन पंचायत पदाधिकारी स्वयं के वाहन या वस्तुओं से ग्राम पंचायत के शासकीय रकम का लाभ प्राप्त नहीं कर सकता, परंतु सचिव सीमा धुर्वे के द्वारा सभी नियमों की जानकारी होते हुए भी अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कार्यवाहक सरपंच श्रीराम पुसाम की पद अवधि में श्री राम पुसाम ट्रैक्टर्स बिल दिनांक 4 जून 2019 रकम 21000 का भुगतान किया गया है, जिसमें बिल नंबर, मोबाइल नंबर, व बिल में हस्ताक्षर भी नहीं हैं, इससे साबित होता है कि बिल फर्जी एवं शासकीय राशि का गबन और बंदरबांट की सत्यता प्रमाणित होती है। इसी तरह बिल दिनांक 1 जून 2019 राशि 98500, बिल दिनांक 17 मई 2019 राशि 29700, बिल दिनांक 28 अगस्त 2019 राशि 6900 का भुगतान कार्यवाहक सरपंच श्री राम पुसाम को किया गया है जो कुल मिलाकर 156100 रुपये का होता है।
- ईंट रेत के नाम पर फर्जी भुगतान
सचिव सीमी धुर्वे के द्वारा धुर्वे सप्लायर के नाम पर ईंट-रेत का 100000 एक लाख रुपये का बिल दिनांक 16 मई 2019 को लगाया गया है जिसमें बिना नंबर, बिल दिनांक ही नहीं लिखा है व मोबाइल नंबर भी गलत है। दुकान एवं प्रोफाइल का पता बिल में दर्ज ही नहीं है, इसका सीधा सीधा मतलब है कि 100000 एक लाख रुपये का कम्प्यूटर से प्रिंट कर का फर्जी बिल बनाकर शासकीय राशि का बंदरबांट सचिव सीमा धुर्वे के द्वारा किया गया है, यह कृत्य संगीन वित्तीय अपराध की श्रेणी में आता है। सचिव सीमा धुर्वे की मनमानी व लापरवाही गंभीर है। इसी प्रकार सियाराम ट्रेंड्स के नाम से भी बिल दिनांक 29 दिसंबर 19 को 9999 का भुगतान किया गया है जिसमें बिल नंबर का उल्लेख ही नहीं है जिसे स्पष्ट होता है कि सीमा धुर्वे के द्वारा भयंकर आर्थिक अनियमितता की गई है। जांच में अनेक तथ्य और उजागर होने की संभावनाओं से इनकार नही किया जा सकता ।
जिला पंचायत के पत्र को जनपद सी ई ओ ने नहीं दी तबज्जो
आवेदक द्वारा सूचना के अधिकार से जानकारी प्राप्त करने के बाद जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन के समक्ष 20 जनवरी व जनपद पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी को दिनांक 21 जनवरी 21 को स्वयं उपस्थित होकर आवेदन किया है। जिसके बदले जिला पंचायत से पत्र क्रमांक /170 /पंचा.स्था./ 2021 कबीरधाम , दिनांक 5 फरवरी 2021 को एक पत्र मुख्य कार्यपालन जनपद पंचायत पंडरिया को जारी किया गया है जिसमे बिंदुवार जांच करते हुए 7 दिवस के भीतर स्पष्ट अभिमत सहित जांच प्रतिवेदन इस कार्यालय को उपलब्ध कराएं, ताकि प्रकरण में अग्रिम कार्यवाही की जा सके का उल्लेख है, लेकिन जनपद के मुख्यकार्यपालन अधिकारी ने अपने उच्चाधिकारि के पत्र को तबज्जो न देते हुए आठ माह में भी कोई कार्यवाही नहीं की, जो समझ से परे है ।
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