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abernews राजनांदगांव। जिला भाजपा पिछड़ा वर्ग के जिलाध्यक्ष पार्षद दल के प्रवक्ता शिव वर्मा ने शिक्षक दिवस पर सभी गुरुजनों को शत शत प्रणाम उन्होंने कहा कि शिक्षक एक मोमबत्ती के समान है, जो स्वयं जलकर हम सब को प्रकाश देता है।
श्री वर्मा ने कहा कि शिक्षक दिवस के दिन स्कूल, कॉलेजों और यूनिवर्सिटी और शिक्षण संस्थानों में शिक्षक दिवस पर भाषण प्रतियोगिता होती है। सभी स्टूडेंट्स अपने शिक्षकों को सम्मान देने के लिए उन्हें विशेष शुभकामनाएं देते हैं। इस दिन शिक्षकों को सम्मानित भी किया जाता है। इस बार कोविड-19 महामारी के कारण महीनों स्कूल बंद रहे हैं, कई जगह स्कूल खुल भी गए है। वर्चुअली पढ़ाई के साथ अब शिक्षकों के लिए स्टूडेंट्स अब विडियो आदि बनाकर शिक्षकों का आभार प्रकट कर रहे हैं। आपको भी इस दिन के लिए अपने शिक्षकों के सम्मान में कुछ कहना है, तो आप यहां से स्पीच आइडिया ले सकते हैं।
श्री वर्मा ने आगे कहा कि शिक्षक दिवस 05 सितंबर को मनाया जाता है। भारत में हर साल 05 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। 05 सितंबर 1888 को देश के पहले उप-राष्ट्रपति डॉ राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। 1962 से हर साल देश के पहले उप-राष्ट्रपति डॉ राधाकृष्णन का जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।उन्होंने अपने छात्रों से जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की इच्छा जताई थी। डॉ राधाकृष्णन विद्वान, विचारक और बहुत सम्मानित शिक्षक थे। सुप्रभात साथियों, आज हम सभी शिक्षक दिवस मना रहे हैं। आज के दिन मैं सबसे पहले अपने स्कूल के सभी शिक्षकों को सेल्यूट करता हूं। हमारी संस्कृति में भी माता-पिता से भी ऊंचा दर्जा गुरु को दिया जाता है। एक तरफ जहां माता-पिता बच्चे को जन्म देते हैं तो शिक्षक उनके जीवन को आकार देते हैं। शिक्षक हमेशा हमें गाइड करते है, प्रेरणा देते हैं और समाज में हमें एक अच्छा नागरिक बनाते हैं। शिक्षक हमारे जीवन की नींव होते हैं। वे एक स्टूडेंट के लिए दूसरी मां की तरह होते हैं। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का मानना था कि देश में सर्वश्रेष्ठ दिमाग वाले लोगों को ही शिक्षक बनना चाहिए। सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन का कहना था कि शिक्षक वह नहीं जो विद्यार्थी के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे, बल्कि वास्तविक शिक्षक तो वह है जो उसे आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करें। उन्हें भारत रत्न से भी नवाजा गया था। विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्तूबर को मनाया जाता है। यूनेस्को ने 1994 में शिक्षकों के कार्य की सराहना के लिए 5 अक्तूबर को विश्व शिक्षक दिवस के रूप में मनाने को लेकर मान्यता दी थी। सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले को देश की पहली महिला शिक्षक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने लड़कियों की शिक्षा में अहम योगदान दिया था।
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