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रिकॉर्ड बनाने पांच माह पहले मृत महिला को लगा दिया कोरोना टीका का दूसरा डोज

  परिजन स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री से करेंगे शिकायत भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने पिछले कुछ दिनों में लगातार सबसे ज्यादा टीका लगा कर ...

 परिजन स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री से करेंगे शिकायत
भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने पिछले कुछ दिनों में लगातार सबसे ज्यादा टीका लगा कर देश में एक दिन में सर्वाधिक टीका लगाने का रिकॉर्ड बनाया है। वहीं मुख्यमंत्री का प्रयास है कि टीकाकरण से कोई भी न छूटे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। सरकार के तमाम दावों की जमकर किरकिरी करा रहे हैं। यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि राजधानी भोपाल में कुछ लोगों की शिकायत है कि बिना वैक्सीन लगवाए ही उनके मोबाइल नंबर पर मैसेज आ रहे हैं। यहां तक की कुछ मृतक महिल-पुरुष के नाम पर भी उनके परिजनों को पहला और दूसरा डोज वैक्सीनेशन के मैसेज आ गए हैं। दरअसल, भोपाल के खजूरीकलां निवासी सुशीला तिवारी पति रामानंद तिवारी की 13 अप्रैल 2021 को कोरोना से मौत हो गई। जिसका भोपाल नगर निगम ने विधिवत मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया, लेकिन जब स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को टीकाकरण का टारगेट दिया गया तो उन्होंने गड़बड़ी शुरू कर दी। यहां सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि महिला की मौत के पांच महीने बाद यानि 9 सितंबर 2021 को सुबह 11:30 बजे कोरोना वैक्सीन कोविडशील्ड का दूसरा डोज लगा दिया गया है। इसका खुलासा महिला के पति रामानंद तिवारी के फोन में आए मैसेज से हुआ। यही नहीं, दूसरे डोज के वैक्सीनेशन का विधिवत प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया। जारी प्रमाण पत्र के अनुसार महिला को कोविड शील्ड का पहला डोज 20 मार्च 2021 को लगा था। इसका भी जिक्र किया गया है। लेकिन वैक्सीनेशनकर्ता अधिकारी का नाम नहीं दर्ज किया गया है। इसके साथ ही महिला का वोटर आईडी नंबर दर्ज किया गया है।
मंत्री से करेंगे शिकायत
मृतक महिला के बेटे प्रवीण तिवारी का कहना है कि बड़ी और गंभीर लापरवाही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जनता से वैक्सीनेशन के नाम पर घिनौना मजाक कर रहे हैं। इसकी शिकायत प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया से करेंगे। साथ ही यह भी मांग करेंगे कि इस तरह की गड़बड़ी करने वाले अफसरों को तत्काल बर्खाश्त किया जाए।
प्रशासन नहीं मान रहा कोरोना मृत
यहां सबसे हास्यास्पद बात यह है कि सुशीला तिवारी की मौत कोरोना संक्रमण से हुई। भोपाल नगर निगम ने जारी मृत्यु प्रमाण पत्र में इसका जिक्र भी किया है। वहीं शमशान घाट में भी कोरोना गाइडलाइन के तहत महिला का अंतिम संस्कार भी किया। जिसका शमशान से भी प्रमाण पत्र जारी किया गया, लेकिन भोपाल जिला प्रशासन महिला की मौत को कोरोना से होना नहीं मान रहा है। इससे परिजनों को आज तक कोई मुआवजा भी नहीं है।
पहले भी उजागर हो चुके कारनामे
इससे पहले भोपाल के टीला जमालपुरा की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहने वाले 13 साल के वेदांत डांगरे को भी 21 जून को टीका लगाया जा चुका है। वहीं भोपाल में पीजीबीटी कॉलेज रोड में रहने वाली नुजहत सलीम को भी 21 जून को वैक्सीन लगने का मैसेज मिल चुका है। भोपाल पुराने शहर के नूरमहल क्षेत्र में रहने वाली मुबीन बानो (70) के मोबाइल पर पति मो. शरीफ के नाम 23 जून को वैक्सीनेशन का मैसेज आ चुका है। जबकि उनका इंतकाल तीन साल पहले हो चुका है।


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