नई दिल्ली। विश्व बैंक की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए हैं। एक स्वतंत्र जांच में पाया गया कि बैंक ने 2018 की रिपोर्ट में चीनी दबाव के चलते...
नई दिल्ली। विश्व बैंक की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए हैं। एक स्वतंत्र जांच में पाया गया कि बैंक ने 2018 की रिपोर्ट में चीनी दबाव के चलते हेरफेर किए। फिलहाल विश्व बैंक ने डूइंग बिजनेस की रिपोर्ट को स्थगित करने का एलान किया है। विश्व बैंक की कारोबारी सुगमता रिपोर्ट में की गई अनियमितता को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। अब इसमें अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टलीना जॉर्जीवा का नाम भी सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार, विश्व बैंक में रहने के दौरान जॉर्जीवा ने कर्मचारियों पर एक रिपोर्ट में बदलाव करने के लिए दबाव डाला था, ताकि चीन नाराज न हो। हालांकि इस पर जॉर्जीवा ने असहमति जताई है। बैंक की एथिक्स कमिटी के कहने पर लॉ फर्म विल्मरहेल ने रिपोर्ट तैयार की थी। इसमें वल्र्ड बैंक पर चीन के दबाव को लेकर चिंता जताई गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रिस्टलिना ने कर्मचारियों पर दबाव बनाया था कि वे चीन की रैंकिंग बेहतर करें। इसके साथ ही आईएमएफ के तत्काली अध्यक्ष जिम योंग किम पर भी चीन का दबाव होने की बात सामने आई है। वहीं जॉर्जिवा ने जांच रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि वह इससे सहमत नहीं हैं और आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड के सामने अपना पक्ष रखा है। इससे पहले गुरुवार को ही विश्व बैंक ने डूइंग बिजनेस की रिपोर्ट को स्थगित करने का एलान किया था। इस संदर्भ में बैंक ने कहा कि रिपोर्ट में डाटा से छेड़छाड़ की बात सामने आई है। इसलिए इसे फिलहाल के लिए रद्द कर दिया गया है।
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