उज्जैन। विश्व प्रसिद्द उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में होने वाली भस्म आरती में अब अगले हफ्ते से श्रद्धालुओं को प्रवेश मिलना शुरू हो जाएगा। ...
उज्जैन। विश्व प्रसिद्द उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में होने वाली भस्म आरती में अब अगले हफ्ते से श्रद्धालुओं को प्रवेश मिलना शुरू हो जाएगा। करीब डेढ़ साल से बंद भस्म आरती के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए महाकाल मंदिर समिति ने निर्णय लिया है. समिति ने फैसला लिया कि अब भस्म आरती में श्रद्धालुओं को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ प्रवेश दिया जाएगा. इसके साथ ही जल्द ही अब महाकाल मंदिर में आने वाले सभी वीआईपी को मंदिर में प्रवेश के लिए दान राशि भी जमा करानी होगी। दरअसल भस्म आरती में श्रद्धालु का प्रवेश एक वर्ष पांच और पंद्रह दिन से प्रतिबंधित है। जो की अब अगले सप्ताह से खुल जाएगा. महाकालेश्वर मंदिर में कोरोना के बाद से ही 17 मार्च 2020 से भस्म आरती में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. गुरुवार को उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में सर्किट हाऊस में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती में प्रवेश के सम्बन्ध में चर्चा की गई।
नंदी हाल में प्रतिबंधित रहेगा प्रवेश
इसके साथ आने वाले सोमवार को निकलने वाली भगवान की शाही सवारी के सम्बन्ध में भी चर्चा की गई. चर्चा के दौरान निर्णय लिया गया कि बीते डेढ़ साल से लगे प्रतिबंध को हटाकर अब अगले सप्ताह से भस्म आरती में श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जायेगा. उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बताया की नंदी हाल में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा लेकिन गणेश मंडपम, कार्तिकेय मंडपम में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ श्रद्धालुओं को ऑनलाइन के माध्यम से अनुमिति दी जाएगी. महाकाल मंदिर में कुल 1850 श्रद्धालुओं एक साथ बैठकर भस्मारती में सम्मलित हो सकते है. हालांकि शुक्रवार को होने वाले मंदिर प्रबंध समिति के बैठक में निर्णय लिया जाएगा की भस्म आरती की व्यवस्था का क्या स्वरुप रहेगा।
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