कवर्धा । जल संसाधन विभाग कवर्धा के पूर्व एसडीओ आरआर नेताम से 66 लाख रुपए की रिकवरी की जाएगी। यह रिकवरी 3 अलग- अलग प्रकरणों में बरती गई अनि...
कवर्धा । जल संसाधन विभाग कवर्धा के पूर्व एसडीओ आरआर नेताम से 66 लाख रुपए की रिकवरी की जाएगी। यह रिकवरी 3 अलग- अलग प्रकरणों में बरती गई अनियमिता के मामले में दोषी पाए जाने पर किया जाना है। शासन को धोखे में रख तारो जलाशय नहर बनाए बिना ही राशि का गबन कर लिया था। मामले में 55 लाख रुपए की रिकवरी होनी है। 23 जून को इस नहर लाइनिंग कार्य में अनियमिता बरतने का खुलासा हुआ था। बताया था कि गबन के लिए जल संसाधन विभाग के एसडीओ ने कागजों में 1.8 किमी लंबी नहर बना दी थी, जबकि मौके पर 3त्न भी काम नहीं हुआ था। विभागीय जांच में भी इसकी पुष्टि हुई। दोषी पाए गए जल संसाधन विभाग के पूर्व एसडीओ आरआर नेताम से नहर घोटाला मामले में 55 लाख रुपए की रिकवरी निकाली गई है। अब जल संसाधन विभाग रायपुर के प्रमुख अभियंता से रिकवरी के आदेश मिलने का इंतजार है।
बिना निर्माण के राशि आहरण
बोड़ला जनपद के ग्राम पंचायत तारो में जलाशय स्थित है, जिसे सिंग बांधा के नाम से भी जानते हैं। तारो जलाशय में 1.8 किमी (1800 मीटर) लंबी नहर लाइनिंग बनाने के लिए वर्ष 2015- 16 में दो बार में क्रमश: 47.39 लाख और 41.34 लाख रुपए की स्वीकृति मिली थी। मनरेगा के जरिए यह काम करना था। लेकिन जल संसाधन विभाग के कवर्धा के पूर्व एसडीओ श्री नेताम ने फर्जीवाड़ा किया। 1.8 किमी लंबी नहर की जगह लगभग 48 मीटर यानी कुल स्वीकृति का सिर्फ 3 फीसदी काम कराया। फिर काम पूरा होना बताकर राशि गबन कर लिया। मास्टररोल में भी मजदूरों की फर्जी हाजिरी भरी गई।
अन्य मामलों में भी दोषी पाए गए नेताम
तारो जलाशय में नहर घोटाले का पर्दाफाश होने पर अन्य प्रकरणों की जांच हुई। जांच में दो अन्य मामलों में पूर्व एसडीओ नेताम के खिलाफ फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। पंडरिया और छिरपानी सब डिवीजन अंतर्गत मनरेगा कार्य के नाम पर मटेरियल कंपोनेंट का फर्जी भुगतान सामने आया है। मटेरियल के नाम पर कवर्धा व पंडरिया के दो फर्मों को 9.80 लाख रुपए ऑनलाइन पेमेंट किया गया। फिर पूर्व एसडीओ ने फार्मों से उक्त रकम खुद रख लिए। संबंधित फर्म के बयान से इसका पता चला। वहीं एक अन्य मामले में प्रशासकीय स्वीकृति से ज्यादा खर्च के मामले में 1.53 लाख रुपए की रिकवरी निकाली गई है।
प्रमुख अभियंता के आदेश का इंतजार- ईई
जल संसाधन विभाग के ईई दिनेश भगौरिया ने बताया कि प्रशासकीय स्वीकृति से ज्यादा खर्च मामले में 1.53 लाख रुपए रिकवरी के लिए नोटिस भेजा है। तारो जलाशय के नहर घोटाला व मटेरियल कंपोनेंट मामले में 64 लाख रुपए से ज्यादा की रिकवरी के लिए प्रमुख अभियंता रायपुर के आदेश का इंतजार है।
नहरों की हुई सफाई, खेतों में नहीं पहुंच रहा पानी
सिंचाई के लिए बनी नहरों की मरम्मत और सफाई को लेकर जल संसाधन विभाग उदासीनता बरत रहा है। स्थिति यह है कि नहरों में गाद जमी है। पत्थर व झाडिय़ों की वर्षों से सफाई नहीं होने के कारण नहर के जरिए खेतों तक पर्याप्त पानी नहीं पहुंच रहा है। सुतियापाट बांध की मुख्य नहर में ही बड़े- बड़े पत्थर पड़े हुए हैं। कुछ जगहों पर नहर के साइड गार्ड टूट गए हैं, जिसकी मरम्मत कराने की जरूरत है। सरोदा बांध के नहर की स्थिति और बुरी है। तारो जलाशय से लालपुर कला माइनर का कांक्रीटीकरण नहीं हो पाया है। कच्ची नहर में बड़ी- बड़ी झाडिय़ां उग आई है। जल संसाधन विभाग के ईई दिनेश भगौरिया का कहना है कि मनरेगा के जरिए नहरों की सफाई व मरम्मत कार्य कराया जा रहा है। कुछे जगहों पर अभी भी काम चल रहा है। सुतियापाट बांध के नहर में सफाई का काम जारी है।
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