abernews सतना। सतना के रैगांव विधानसभा उप चुनाव के लिए प्रमुख पार्टी कांग्रेस के बाद भाजपा ने भी अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। गुरुवार सु...
abernews सतना। सतना के रैगांव विधानसभा उप चुनाव के लिए प्रमुख पार्टी कांग्रेस के बाद भाजपा ने भी अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। गुरुवार सुबह भाजपा ने चुनाव मैदान में नया चेहरा प्रतिमा बागरी को टिकट जारी कर सबको हैरान कर दिया।अब चुनाव मैदान में भाजपा से प्रतिमा बागरी और कांग्रेस से कल्पना वर्मा के बीच कांटे की टक्कर होने का अनुमान जताया जा रहा है। कल्पना वर्मा जहां बीते विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस से प्रत्याशी रह चुकी हैं जबकि प्रतिमा बागरी को भाजपा ने पहली बार प्रत्याशी बनाया है।
राजनीतिक पारिवारिक पृष्ठभूमि से जुड़ी प्रतिमा के पिता जयप्रताप बागरी तथा मां कमलेश बागरी दोनों ही एक ही कार्यकाल में जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए थे। जय प्रताप बाद में नगर पालिक निगम सतना के वार्ड 19 से भाजपा के टिकट पर पार्षद भी बने। हालांकि प्रतिमा को अनुभव के मामले में थोड़ा कमतर माना जा रहा है, लेकिन संगठन के कामकाज के दौरान क्षेत्र में लोगों से उनके सीधे संपर्क ने उनकी छवि को मजबूती दी है। माना जा रहा है कि भाजपा ने विधायक बागरी की दहलीज लांघ कर पहली बार महिला कार्यकर्ता को तवज्जो दी है जिसका सीधा फायदा चुनाव में पार्टी को होगा।
महिलाओं और युवा वर्ग का समर्थन तो पार्टी को मिलेगा ही एंटी इनकम्बेंसी से होने वाला वोटों का नुकसान भी कम करने में बड़ी मदद मिलेगी। लेकिन प्रतिमा को प्रत्याशी बनाए जाने से पार्टी के अंदर पूर्व विधायक स्व. जुगुल किशोर बागरी के बड़े पुत्र पुष्पराज समर्थकों के बगावत के आसार भी बन रहे हैं। प्रतिमा को भाजपा कार्यकर्ता होने के बावजूद पैराशूट कैंडिडेट बता कर प्रचारित किया जा रहा है।ज्ञात हो कि प्रतिमा का नाम दावेदार के रूप में लिया तो जा रहा था लेकिन पुष्पराज, देवराज, वंदना और रानी बागरी के मुकाबले दौड़ में उन्हें काफी पीछे माना जा रहा था।
पुष्पराज ने भी कहा पार्टी से यह आशा नहीं थी-
गुरुवार को पुष्पराज बागरी अपने छोटे भाई देवराज के लिए नामांकन फार्म लेने पैदल रैली लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बयान दिया कि उन्होंने कभी विश्वास नहीं किया था कि पार्टी उनके साथ ऐसा करेगी। हालांकि उन्होंने पार्टी के पास समय और टिकट बदलाव करने की संभावना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अभी भी मुझे पार्टी पर विश्वास है। लेकिन पार्टी ने जिस तरह नए व्यक्ति को टिकट दिया है उससे कार्यकर्ताओं में नाराजगी है क्योंकि नए चेहरे को कोई नहीं जानता। पारिवारिक कलह पर जवाब देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि मेरे परिवार चुनाव लड़ने के लिए सभी लोग जरूर अलग-अलग टिकट की मांग कर रहे थे लेकिन टिकट मिलने के बाद सभी एक होते। उन्होंने कहा सबसे पहले मैने एक अक्टूबर को ही नामांकन फार्म पार्टी के कहने पर ले लिया था जिसके बाद उनकी बहु वंदना बागरी और फिर अब उनके छोटे भाई देवराज बागरी के लिए भी वे स्वयं नामांकन फार्म लेने आए हैं। वहीं गुरुवार को कुछ देर बाद रानी बागरी भी नामांकन फार्म लेने पहुंचीं।
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