abernews रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने अतिथि व्याख्याता संघ की प्रदेश इकाई के तत्वावधान में चल रहे आंदोलन...
abernews रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने अतिथि व्याख्याता संघ की प्रदेश इकाई के तत्वावधान में चल रहे आंदोलन का समर्थन करते हुए प्रदेश सरकार से उनकी तीन सूत्रीय मांगों पर तत्काल सकारात्मक पहल करने की मांग की है। संघ की हड़ताल का भाजपा की ओर से समर्थन व्यक्त करने पहुँचे श्री श्रीवास्तव ने समस्याओं के समाधान के प्रति प्रदेश सरकार के अड़ियल रवैए की निंदा करते हुए कहा कि कांग्रेस की प्रदेश सरकार अपने जन-घोषणापत्र में किए वादों पर अमल करने से मुकर रही है और समस्याएँ लंबित करके जटिलताओं को बढ़ा रही है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्यरत अतिथि व्याख्याताओं को उच्च शिक्षा अनुदान आयोग (यूजीसी) मानदंड के अनुसार वेतन देने और उनकी तीन सूत्रीय मांगों के मुताबिक़ लाभ देने का वादा करके प्रदेश सरकार अब उनके साथ भी धोखाधड़ी कर रही है, जो किसी भी सूरत में क्षम्य नहीं है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश के नियमानुसार अतिथि व्याख्याताओं को दिहाड़ी वेतन सीलिंग के तहत 800 रुपए प्रति दिवस पिछले 10 वर्षों से दिया जा रहा है और शासकीय अवकाश के वेतन से भी वंचित रखा जा रहा है, जबकि देश के अनेक राज्यों में अतिथि व्याख्याताओं को यूजीसी मानदंड के अनुसार वेतन का भुगतान किया जा रहा है। केंद्र सरकार और यूजीसी द्वारा उन पर होने वाले व्यय की 70 से 80 फ़ीसदी राशि वहन किए जाने के बाद भी प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानजनक वेतन से वंचित रखा जाना और अवकाश के वेतन में कटौती करना अतिथि व्याख्याताओं के साथ दुर्भावनापूर्ण रवैया और अन्याय है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने राजधानी में आंदोलनरत अतिथि व्याख्याताओं से मिले और भाजपा की ओर से उनकी मांगों के प्रति समर्थन व्यक्त कर उनके लिए अन्य राज्यों की तरह ही छत्तीसगढ़ में भी 11 माह की पूर्णकालिक अवधि तय करते हुए 65 वर्ष तक की स्थायी नौकरी सुनिश्चित करने, दिहाड़ी वेतन के बजाय मासिक वेतन निर्धारित करने और उन्हें स्थानांतरण से सुरक्षा देने की मांग की है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लगभग दो वर्ष पहले हुई चर्चा में अतिथि व्याख्याताओं को उनकी मांगों के परिप्रेक्ष्य में आश्वस्त कर अधिकारियों को आवश्यक पहल करने निर्देशित किया था, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई सार्थक प्रगति नहीं हुई है। श्री श्रीवास्तव ने अतिथि व्याख्याताओं को नियमित करने अथवा संविदा व्यवस्था में संलग्न कर यूजीसी मानदंड के मुताबिक़ सम्मानजनक वेतन निर्धारित करने की मांग की है।
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