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अगर मोदी जागरूक होते तो कोरोना का तांडव नृत्य नहीं होता : सुशील आनंद शुक्ला

मुख्यमंत्री ओमीक्रान के खतरे से बचाव के लिये प्रधानमंत्री को सलाह दे रहे तो भाजपाई क्यों तिलमिला रहे? abernews रायपुर। पूर्व मंत्री और भाजपा...


मुख्यमंत्री ओमीक्रान के खतरे से बचाव के लिये प्रधानमंत्री को सलाह दे रहे तो भाजपाई क्यों तिलमिला रहे?
abernews रायपुर। पूर्व मंत्री और भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत के बयान पर कड़ा जवाब देते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के संवेदनशील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने राज्य के लोगों की जान की परवाह करते हैं, इसलिए वे कोरोना के नए वैरिएंट के संदर्भ में प्रधानमंत्री से आग्रह कर रहे हैं और इधर जनता द्वारा ठुकराये जा चुके भाजपा के ड्राइंगरूमी नेता अशिष्ट भाषा में ज्ञान बांट रहे  हैं कि मुख्यमंत्री को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। मुख्यमंत्री यदि कोरोना के ओमीक्रान वेरियंट के संदर्भ में प्रधानमंत्री से अफ्रीकी देशों की उड़ान प्रतिबंधित करने और विदेश से आने वाले यात्रियों के स्वास्थ्य जांच अनिवार्य करने की मांग कर रहे है तो इसमें भाजपा के नेता तिलमिला क्यों रहे? एक प्रदेश के मुख्यमंत्री यदि देश के प्रधानमंत्री को महामारी के आने वाले खतरे पर सचेत कर सलाह दे रहे है तो इसमें भाजपा नेताओं की आपत्ति उनकी राजनैतिक खीझ को ही प्रदर्शित करती है।
       

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि अगर मोदी कोरोना से देश को बचाने के लिए इतने ही चिंतनशील होते तो कोरोना तांडव नृत्य नहीं कर पाता। जिस वक्त देश में महामारी फैलने से रोकने के लिए उपाय करने की जरूरत थी, उस समय मोदी जी तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प की स्तुति में तल्लीन थे। कोरोना कोहराम मचा रहा था और मोदी ताली, थाली बजवा रहे थे। कोरोना से बचाव की चिंता छोड़ भाजपा मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार गिराने में व्यस्त थी। मोदी सरकार की लापरवाही देश के लिए घातक साबित हो चुकी है। उस अफलातूनी संस्क़ृति का दंश छत्तीसगढ़ ने भी झेला है। 

वह तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सतर्कता और उपाय काम आए और छत्तीसगढ़ कोरोना काल में भी हर क्षेत्र में गतिशील रहा। अब अगर भाजपा के नेताओं की आत्मा में तनिक भी संवेदना बची है तो मोदी सरकार के बचाव के चक्कर में छत्तीसगढ़ की जनता के हित में बाधक न बनें।



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