रायपुर। कोरोना महामारी के कारण शॉपिंग वेबसाइट का बिजनेस काफी बढ़ा है। हैकर्स ने अब इनके यूजर्स को अलग-अलग तरीके से अपना शिकार बना रहे हैं।...
रायपुर। कोरोना महामारी के कारण शॉपिंग वेबसाइट का बिजनेस काफी बढ़ा है। हैकर्स ने अब इनके यूजर्स को अलग-अलग तरीके से अपना शिकार बना रहे हैं। वह अमेजन के ईमेल का उपयोग कर ठगी कर रहे हैं। धोखेबाज ग्राहकों को ऐसे मेल भेजते हैं, जो बिल्कुल अमेजन द्वारा भेजा गया लगता है। पीडि़त ईमेल पर विश्वास कर लेता है और नुकसान कर बैठता है। एक अंग्रेजी वेबसाइट में छपी खबर के अनुसार ईमेस में कॉल करने और ऑर्डर रद्द करने के लिए एक फोन नंबर होता है। वह नंबर कंपनी का नहीं हैकर्स का होता है। शख्स जैसे ही उस नंबर पर संपर्क करता है। वह ठग के जाल में फंस जाता है। रिपोर्ट के अनुसार ईमेल में ई-कॉमर्स साइट अमेजन का लिंक और शॉपिंग रसीद का एक मॉकअप भी है। ईमेल महंगे प्रोडेक्ट के लिए नकली रसीदें और पेमेंट विवरण दिखाता है। जो ग्राहक की चिंता का कारण बनता है। आखिरकार शख्स नंबर पर कॉल करता है, लेकिन हैकर जवाब नहीं देता है। जिसके बाद पीडि़त को दोबारा कॉल किया जाता है। वह उन्हें ऑर्डर कैंसिल करने के लिए अपने बैंक विवरण शेयर करने के लिए कहता है। एक बार बैंक डिटेल्स देने के बाद पीडि़त कुछ नहीं कर सकता है। स्कैमर्स सभी डेटा चुरा लेते हैं। वह बैंक अकाउंट और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों को भी पकड़ सकते हैं। फर्जी ईमेल भेजने के लिए स्कैमर्स जीमेल अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं। रसीद शेयर करने के लिए अमेजन जीमेल अकाउंट का इस्तेमाल नहीं करता है। इस लिए हमेशा मेल का जवाब देने से पहले ईमेल आईडी को अच्छी तरह से जांच लें। कभी भी अपने डेबिट-क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग लॉगिन, ओटीपी नंबर या अन्य जानकारी किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए। यहां तक कि बैंक भी ग्राहकों से फोन पर इस तरह की जानकारी नहीं मांगते।
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