कांग्रेस के ये दो शेरनी जनहित के आवाज को कभी दबने एवं कुचलने नहीं देगें मोदी को छत्तीसगढ़ के जनता से चिढ़ है इसलिये छत्तीसगढ़ के महिला सांसदों ...
मोदी को छत्तीसगढ़ के जनता से चिढ़ है इसलिये छत्तीसगढ़ के महिला सांसदों को शीतकालीन सत्र से सस्पेंड किया गया
abernews रायपुर। मानसून सत्र में हुए हंगामे के बात को लेकर केन्द्र सरकार अपनी दुश्मनी निकाल रही है और इसीलिए शीतकालीन सत्र में छत्तीसगढ़ के महिला राज्यसभा सांसद छाया वर्मा एवं फूलोदेवी नेताम को सस्पेंड करने का घोर आलोचना करते हुए छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी प्रदेश प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि लोकतंत्र के मन्दिर में लोकतंत्र को कुचलने का काम किया जा रहा है। सांसद फूलोदेवी और छाया वर्मा को संसद के शीतकालीन सत्र से सस्पेंड कर महिला विरोधी का जीता जागता सबूत पेश किया मोदी ने। क्या लोकतंत्र के मंदिर में अपना बात रखना गुनाह है। पिछले मानसून सत्र में भी छत्तीसगढ़ के महिला सांसदों के साथ दुर्व्यवहार किया गया था, बाहर से मार्शलों को बुलाकर महिला सांसदों के साथ पुरुष मार्शल के द्वारा धक्का मुक्की कर गिरा दिया जाता है महिला सांसदों को बदनाम किया जाता है। नरेंद्र मोदी का ये सबसे बड़े नाकामी है जो लोकतंत्र के मंदिर में राज्यसभा महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार हो रहा है तो बाहर क्या होता होगा।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि राज्यसभा महिला सांसद छाया वर्मा एवं फूलो देवी नेताम का शीतकालीन सत्र में निलंबन कर महिलाओं के आवाज को कुचलने का काम किया जा रहा है। महिला सशक्तिकरण के बात करने वाले मोदी के असली चेहरा उजागर हो गया है। भाजपा नेता वास्तविकता में कभी चाहे ही नहीं कि बेटियां आगे बढ़े। संसद में नरेंद्र मोदी बिना चर्चा के अपने फैसला जनता को थोप देते है यदि इसका विरोध किये जाते है तो मार्शल को बुलाकर बल का प्रयोग किया जाता है मोदी तानाशाही सरकार के रवैये से जनता परेशान हो रही है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि मोदी को छत्तीसगढ़ के जनता से चिढ़ है इसलिये छत्तीसगढ़ के महिला सांसदों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। मोदी, रमन, सरोज कोई भी भाजपा नेता नहीं चाहते कि छत्तीसगढ़ राज्य के जनता खुशहाल रहे. इसलिये छत्तीसगढ़ राज्य के साथ मोदी का सौतेला व्यवहार रहता है। संसद में यदि महंगाई पे बात करो तो देशद्रोही, राज्यसभा में यदि रोजगार पर बात करो देशद्रोही, संसद में यदि किसानो के तीन काले बिल पर चर्चा होती तो आज एक साल से किसान सड़कों पर आंदोलन नहीं करते ओर ना ही सात सौ किसानों के जान नहीं जाती। आखिर मजबूरन कृषि बिल वापिस लेना पड़ा ,संसद में यदि इंश्योरेंस बिल पर यदि चर्चा करो तो बाहर से मार्शल बुलाकर महिला सांसदों को धक्का मुक्की कर बेज्जती किया जाता है। अब ये लोकतंत्र का मंदिर नहीं अखाड़ा बना कर रख दिया है मोदी ने। महंगाई से महिलाएं त्रस्त है और अब ये बड़े दुर्भाग्य कि बात हे कि महिला वित्त मंत्री रहने के बावजूद उसे महिलाओं के पीड़ा के जानकारी नही। रसोई गैस सिलेंडर के दाम 1000 रुपये हो गये, स्मृति ईरानी और सरोज पांडे भी मौन? और मोदी यही चाहते है कि फूलोदेवी नेताम और छाया वर्मा भी मौन रहे। लेकिन कांग्रेस के ये दो शेरनी जनहित के आवाज को कभी दबने एवं कुचलने नहीं देंगे।
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