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भाजपा रेडी टू ईट बेहतरीन गुणवत्ता सुधार के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अवहेलना कर रही है : वंदना राजपूत

रेडी टू ईट में अब स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को और अधिक लाभ होगा abernews रायपुर। रेडी टू ईट को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता भ्रामक संद...


रेडी टू ईट में अब स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को और अधिक लाभ होगा

abernews रायपुर। रेडी टू ईट को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता भ्रामक संदेश दे रहे है इस पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी प्रदेश प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि भाजपा रेटी टू ईट बेहतरीन गुणवत्ता सुधार के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अवहेलना कर रही है भाजपा नेताओं को शायद सुप्रीम कोर्ट के आदेश का जानकारी नही है  इसलिये कहा जाता है कि आधा ज्ञान महाविनाश होता है .

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश है कि हितग्राहियों को दिए जा रहे रेडी-टू-ईट में निर्धारित ऊर्जा, माइक्रो न्यूट्रीयंस, कैलोरी, प्रोटीन, फोलिक एसिड, राइबोफ्लेविन, नाइसीन, कैल्शियम, थायमिन, आयरन, विटामिन ए, बी 12, सी एवं डी होने की बात कही है। साथ ही वह फोर्टिफाइड एवं फाइन मिक्स होना चाहिए। वहीं मानव स्पर्श रहित, स्वचलित मशीन से निर्मित और जीरो संक्रमण वाला होनी चाहिए। इससे रेडी-टू-ईट की गुणवत्ता बेहतर रहेगी.जिससे सुपोषण अभियान का अच्छा प्रतिसाद मिलेगा.

वंदना राजपूत ने कहा कि रेडी टू ईट बनाने वालों का रोज़गार नहीं छीना जा रहा है इसमें पहले जैसे ही महिला स्वयं सहायता समूह के महिलाएं ही कार्य करेंगे.और राज्य सरकार के इस फैसले से तो महिला स्व सहायता समूह के महिलाओं को ओर अधिक लाभ होने वाला है. छत्तीसगढ़ में जनवरी 2019 की स्थिति में चिन्हांकित कुपोषित बच्चों की संख्या 4 लाख 33 हजार 541 थी, इनमें से मई 2021 की स्थिति में लगभग एक तिहाई 32 प्रतिशत यानी एक लाख 40 हजार 556 बच्चे कुपोषण से मुक्त हो गए है. कुपोषण के खिलाफ शुरू की गई जंग में ये बघेल सरकार की बड़ी उपलब्धि है. बहुत ही कम समय में ही प्रदेश में कुपोषण की दर में उल्लेखनीय कमी आई है, इसका श्रेय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कुशल नेतृत्व और उनकी दूरदर्शी सोच को जाता है.

वंदना राजपूत ने कहा कि  रेडी टू ईट के नाम पर  गलत है मिथ्या एवं भ्रामक संदेश बीजेपी ने फैला कर  राजनीति की रोटी सेंक रहे। भारतीय जनता पार्टी के नेता नहीं चाहते कि प्रदेश में बच्चे कुपोषण से मुक्त हो .15 साल तक बीजेपी की शासन रही उसके बावजूद एनएफएस - जो कि साल 2015 -16 में जारी हुआ था उसमें 37.7 प्रतिशत बच्चे  कुपोषण से ग्रसित थे.बच्चे इतने प्रतिशत में इसलिये कुपोषण का शिकार होते थे उनके जो अधिकार होता था उनका अधिकार को तो पूर्ववर्ती मुखिया ही छिन्न लेता था. और जब कांग्रेस सरकार में रेडी टू ईट में  बेहतरीन गुणवत्ता के लिये काम किये जा रहे है तो बीजेपी नेताओं के पेट में दर्द हो रहा है.भारतीय जनता पार्टी के मुद्दा विहीन हो गई है इसलिये रेडी टू ईट के बारे मे मिथ्या संदेश दे रहे जो पूरी तरह गलत है।



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