भाजपा सांसद बारदाना उसना चावल पर क्यों बात नहीं कर रहे ? धर्मांतरण को नक्सलवाद से खतरनाक बता भाजपा सांसद ने नक्सल पीड़ितों के जख्म पर नमक छिड़...
धर्मांतरण को नक्सलवाद से खतरनाक बता भाजपा सांसद ने नक्सल पीड़ितों के जख्म पर नमक छिड़का
abernews रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता सदन से लेकर सड़क तक सिर्फ झूठे और फरेब के मुद्दों को उठाकर जनता के मुद्दों से ध्यान भटकाने में लगे है। भाजपा सांसद गोमती साय ने लोकसभा में छत्तीसगढ़ की धान खरीदी के संबंध में आने वाली परेशानी बोरे की उपलब्धता और उसना चावल के संबंध में एक शब्द भी नहीं बोला। भाजपा सांसद ने लोकसभा में फर्जी धर्मांतरण के मुद्दो को उठाया। भाजपा के नेताओं की प्राथमिकता में छत्तीसगढ़ की जनता और उससे जुड़े मुद्दे नहीं है उनकी प्राथमिकता में भाजपा का छद्म एजेंडा है। छत्तीसगढ़ में इस समय धान खरीदी चल रही है। राज्य सरकार ने इस वर्ष 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा। केन्द्र सरकार ने इस वर्ष छत्तीसगढ़ से उसना चावल नहीं लेने का फर्मान जारी किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी राज्य के सभी सांसदो से उसना चावल और बोरे के मामले पर केन्द्र से पहल का अनुरोध किया था। लेकिन किसी भी भाजपा सांसद ने इस विषयो को केन्द्र के समय उठाना जरूरी नहीं समझा।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा सांसद गोमती साय ने देश के सर्वोच्च सदन में भी भाजपा के एजेंडे को पूरा करने के लिए धर्मांतरण के झूठे मामले उठाए और सदन के महत्वपूर्ण समय को नष्ट करने का काम किया है दुर्भाग्य की बात है आर एस एस भाजपा के धर्मांतरण के झूठे आरोप को सही ठहराने के लिए भाजपा सांसद गोमती साय ने धर्मान्तरण को नक्सलवाद से ज्यादा खतरनाक बताकर नक्सलवाद को बढ़ावा देने की कोशिश की है। नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हमारे जवानों के हौसला को तोड़ने की कोशिश कि, नक्सलवाद के दंश के शिकार हुए परिवार के जख्मों में नमक छिड़कने का काम किया है। नक्सलवाद के साथ लड़ाई लड़ते शहीद हुए हमारे जवानों की शहादत की अपमान किया है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि केन्द्र ने उसना चावल न लेने के फर्मान द्वारा छत्तीसगढ़ का 45 प्रतिशत धान को लेने से अप्रत्यक्ष तौर पर मना कर दिया है। ऐसे में राज्य के वे किसान जो उसना किस्म का धान पैदा करते है वे कहां जायेंगे? उनकी फसल को कौन लेगा? भाजपा सांसद को इस विषय को सदन में उठाने की चिन्ता राजनीति को बचाने धर्मातरण का मुद्दा उठाया लेकिन किसानों का नहीं। इसी प्रकार भाजपा की केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ को बारदाना देने में भी असहयोग कर रही है। राज्य को धान खरीदी के लिये 5.25 लाख गठान बारदाने की आवश्यकता है। इस वर्ष केंद्र ने 2.14 लाख गठान बारदानों की स्वीकृति दी है जिसका एडवांस पैसा जमा करने के बाद भी छत्तीसगढ़ को अभी मात्र 86856 गठान बारदाने ही दिये गये है। भाजपा सांसद गोमती साय सहित भाजपा नेता इस पर क्यों मौन है? संसद में राज्य के किसानों की आवाज क्यों नहीं उठा रहे?
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