जैसी अमर्यादित भाषा रमन सिंह की वैसी कलंकित बोली अजय चंद्राकर की अबेरन्यूज़ रायपुर। भिलाई एवं बिरगांव नगर निगम चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व मु...
जैसी अमर्यादित भाषा रमन सिंह की वैसी कलंकित बोली अजय चंद्राकर की
अबेरन्यूज़ रायपुर। भिलाई एवं बिरगांव नगर निगम चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह एवं अजय चंद्राकर के द्वारा कलेक्टर एसपी एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओं को डराने धमकाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह एवं पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर नगरीय निकाय चुनाव में दिख रही भाजपा की करारी हार के डर से बौखला गये। रमन सिंह अमर्यादित एवं पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर की भाषा लोकतंत्र को कलंकित करने वाली है। रमन सिंह चुनावी सभा में एजेंडा रखने के बजाए कलेक्टर एसपी को धमका रहे है। अजय चंद्राकर ने एक दिन कहा था ‘बिरगांव में आने वाला जिन्दा नही जायेगा’ मुस्लिम महिलाओं को बुरका पहनकर मतदान करने नही दिया जायेगा। फिर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हाथ काट देने की धमकी देना। असल मायने में भाजपा के नेता कलेक्टर, एसपी एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओं की आड़ लेकर मतदाताओं को अप्रत्यक्ष रूप से धमका रहे हैं। यह भाषा भारतीय जनता पार्टी की हार की बौखलाहट और उनके नेताओं के गुंडा चरित्र का नमूना है। इस प्रदेश में 15 साल तक सरकार चलाने वाली भाजपा और उसके सरकार में 10 साल तक मंत्री रहा व्यक्ति इतनी अशिष्ट अभद्र शब्दावली का प्रयोग कर रहा है और समूची भाजपा अपने इस अशिष्ट नेता की भाषा पर तालियां बजा रहे है। छत्तीसगढ़ की जनता इस प्रकार की बदतमीजी को बर्दाश्त नहीं करती। पूरे देश में भाजपा नेताओं का यही हाल है। भाजपा छत्तीसगढ़ में जनाधार खो चुकी है मतदाताओं ने भाजपा नेताओं के झूठ अफवाह को अस्वीकार कर दिया है। भाजपा के संकल्प पत्र एवं आरोप पत्र को मतदाता तवज्जो नहीं दे रही है। नगरीय निकाय चुनाव में भी भाजपा का हश्र विधानसभा चुनाव की तरह ही होगा। भाजपा के फूल को जनता अब अप्रैल फूल का फूल मान चुकी है यानी भाजपा को धोखेबाज दल मानती है। नगरीय निकाय चुनाव में मतदान के पहले भाजपा हार स्वीकार कर चूकी है घुटने टेक दी है। छत्तीसगढ़ की जनता ने 15 साल के भ्रष्ट कमीशनखोर रमन भाजपा सरकार का हिसाब-किताब चुकता की है। 15 साल के सत्ता के बाद भाजपा 15 सीट में सिमट गई थी अब 14 सीटों में ठहरी हुई है। पूर्व में हुए नगरीय निकाय के चुनाव में कांग्रेस को 10 में 10 में जीत मिली थी। अभी 10 जिलों के 15 नगरीय निकाय क्षेत्र के चुनाव में भी कांग्रेस का परचम लहराएगा भाजपा को मुंह की खानी पड़ेगी।
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