abernews। सनातन धर्म में देवी-देवताओं के अलावा पेड़-पौधों की पूजा करना भी शुभ माना जाता है. लेकिन किन पेड़-पौधों की पूजा करनी चाहिए ये सबसे ...
abernews। सनातन धर्म में देवी-देवताओं के अलावा पेड़-पौधों की पूजा करना भी शुभ माना जाता है. लेकिन किन पेड़-पौधों की पूजा करनी चाहिए ये सबसे अहम बात है. क्योंकि कुछ पेड़-पौधों में देवी-देवताओं का वास होता है. इन्हीं पेड़-पौधों की पूजा करना शुभ माना जाता है और देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है. आज हम आपको ऐसे ही कुछ वृक्षों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी पूजा करने सा आपको भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होगा.
आंवला वृक्ष
आंवला का वृक्ष पूजा करने योग्य है. ऐसा माना जाता है कि इसमें देवी-देवताओं का वास होता है. आंवले का पेड़ भी इनमें से एक है. आंवले की पूजा करने से आरोग्यता और सुख-समृद्धि का वरदान प्राप्त होता है. ऐसी मान्यता है कि आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु और शिवजी का वास होता है.
बरगद का पेड़
बरगद का पेड़ भी पूजने योग्य माना जाता है. बरगद के पेड़ में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना जाता है. हिंदू धर्म में इस पेड़ को मोक्ष प्रदायक माना गया है. मान्यता है कि जो व्यक्ति दो वटवृक्षों का विधिवत रोपण करता है, उसे मृत्यु के बाद शिवलोक की प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं, ऐसी भी मान्यता है कि निःसंतान व्यक्ति अगर बरगद की पेड़ की पूजा करें तो उसे संतान की प्राप्ति होती है.
पीपल का पेड़
पीपल के पेड़ के बारे में तो हम सब जानते हैं कि इसमें देवताओं का वास होता है. यही नहीं श्री मद भगवत गीता में स्वयं श्री कृष्ण ने बताया कि सभी पेड़ों में पीपल का पेड़ श्रेष्ठ बताया गया है. बता दें कि भगवान बुद्ध को भी पीपल के पेड़ के नीचे ही दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. यहां तक की पुत्र प्राप्ति के लिए भी पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है. ग्रंथों में बताया गया है कि पीपल ही एकमात्र ऐसा पेड़ है जिसमें कीड़े नहीं लगते हैं.
नीम का पेड़
नीम के पेड़ को मां दुर्गा का रूप माना गया है. इसलिए इस पेड़ की नीमारी देवी के रूप में पूजा भी की जाती है.
केले का वृक्ष
केले की पूजा करने का भी हिंदू धर्म में विधान है. कई धार्मिक कार्यों में केले के वृक्ष का इस्तेमाल किया जाता है. केले का वृक्ष भगवान विष्णु जी को बेहद प्रिय है. सत्यनारायण की कथा के दौरान केले के पत्तों का मंडप बनाया जाता है.. वहीं, गुरुवार के दिन केले के वृक्ष की पूजा की जाती है.
हिंदू धर्म में बिल्व वृक्ष यानी बेलपत्र का भी काफी महत्व माना जाता है. भगवान शिव के इससे जुडे़ होने के कारण इसे पूजनीय स्थान प्राप्त है. कहते हैं कि भगवान शिव को बिल्वपत्र चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं. इतना ही नहीं, घर या मंदिर के आसपास बिल्व वृक्ष का होना शुभ माना जाता है।
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