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खुलासा: जादू-टोने के शक में युवक ने जला दिया था दो लोगों को जिंदा

जबलपुर। पुलिस ने एक सप्ताह पहले बरगी थाना इलाके में हुये डबल मर्डर केस का खुलासा कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी ने जादू-टोने  के शक ...


जबलपुर। पुलिस ने एक सप्ताह पहले बरगी थाना इलाके में हुये डबल मर्डर केस का खुलासा कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी ने जादू-टोने  के शक में अपने ताऊ और ताई की हत्या की थी. आरोपी भतीजे ने हत्या को हादसे का रूप देने के लिये उनकी झोपड़ी में आग लगा दी थी. पुलिस को दोनों के जले हुये शव मिले थे. वारदात के बाद दयाराम के गायब हो जाने से पुलिस को उस पर शक हो गया था. इसलिये पुलिस ने सबसे पहले उसे ही दबोचा. आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। एएसपी ग्रामीण शिवेश सिंह बघेल ने बताया कि 10 जनवरी की सुबह बरगी थाना इलाके चौरई गांव के बाहर खेत में बनी झोपड़ी में सुमेर सिंह कुलस्ते और उसकी पत्नी की जली हुई लाश मिली थी. दोनों के शव लगभग पूरी तरह जल चुके थे. उसके बाद पुलिस ने उनके शवों के अवशेषों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाकर मामले की जांच शुरू की. जांच के दौरान पता चला कि सुमेर सिंह के छोटे भाई का बेटा दयाराम उसी दिन से गायब है. जबकि घर में इतनी बड़ी घटना होने के बाद उसका वहां होना ज्यादा जरूरी था।
साले के घर में छिपा हुआ था आरोपी
पुलिस ने जब मृतक के छोटे भाई से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि दयाराम बीते एक महीनों से कहीं गया हुआ है, लेकिन ग्रामीणों ने बताया कि घटना के एक दिन पहले तक दयाराम गांव में ही था. संदेह होने के बाद पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की और बरेला थाना के हिनौतिया गांव में दयाराम को उसके साले के घर से हिरासत में लिया गया। पुलिस की पूछताछ में दयाराम ने बताया कि उसने ही अपने बड़े पिता और बड़ी मां की हत्या कर झोपड़ी में आग लगाई थी. दयाराम को सुमेर सिंह पर जादू-टोना करने का शक था. उसे लगता था कि उसके बड़े पिता ने उस पर और उसके परिवार पर जादूटोना किया है. इसलिए वे कभी खुश नहीं रहते. चार-पांच साल पहले दयाराम के बड़े भाई ने खुद को आग के हवाले कर आत्महत्या कर ली थी। सुमेर सिंह ने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया था और वे वह जमीन वापस नहीं ले पा रहे थे. दयाराम की बहन की शादी नहीं हो पा रही थी. दयाराम का मूल व्यवसाय बकरियां पालकर घर चलाना था. लेकिन जब वह जंगल में बकरी चराने जाता था तो सुमेर उसके साथ गाली गलौच कर भगा देता था। इन सभी समस्याओं के लिए वह अपने बड़े पिता सुमेर को ही जिम्मेदार मानता था. वहीं गांव के लोग भी सुमेर के व्यवहार से परेशान थे.
बका से हमला कर हत्या की
इन्हीं सब परेशानियों के चलते 9 जनवरी की रात को दयाराम सुमेर सिंह की झोपड़ी में पहुंचा. वहां सुमेर और उसकी पत्नी दोनों खाट पर सो रहे थे. दयाराम ने पहले बका से हमला कर उनकी हत्या कर दी और फिर झोपड़ी में आग लगा दी. इस दौरान उसने वहां बंधे मवेशियों की रस्सी काटकर उन्हें छोड़ दिया. बहरहाल दयाराम की गिरफ्तारी होने के बाद वारदात का पटाक्षेप हो गया है.

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