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विशेषज्ञ न होने का हवाला दे निर्धन मरीज को निजी अस्पताल में भेजा

पिथौरा। महासमुन्द, जिला अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा जिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ के न होने की बात कहते हुए एक निर्धन मरीज को भी जिला म...


पिथौरा। महासमुन्द, जिला अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा जिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ के न होने की बात कहते हुए एक निर्धन मरीज को भी जिला मुख्यालय के एक महंगे निजी अस्पताल उपचार हेतु भेजने की जानकारी मिली है। बहरहाल पीडि़त परिवार अब निजी अस्पताल में मोटी फीस देकर उपचार करवाने मजबूर है। शासन द्वारा जरुरतमंदों के बेहतर इलाज करने हेतु केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा नि:शल्क उपचार हेतु योग्य डॉक्टरों के साथ आवश्यक दवाएं भी उपलब्ध करवाई गई हैं। परन्तु मोटी पगार लेने के बाद भी कुछ सरकारी डॉक्टर ईमानदारी से कार्य करने वाले स्वास्थ्य अमले को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला महासमुन्द के जिला अस्पताल से सामने आया है।बताया जा कि 9 फरवरी को गौतमचंद जैन एवं रौनक जैन चंद्रिका जैन ग्राम बोडरीदादर निवासी अपने मोटरसाइकिल से महासमुंद जा रहे थे इस बीच बागबाहरा में यह परिवार सडक दुर्घटना का शिकार हो गया। उन्हें तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बागबाहरा उपचार हेतु ले जाया गया। जहां डाँक्टरों ने बताया कि गौतमचंद जैन 50 वर्ष के हाथ में फेक्चर तथा रौनक जैन सात वर्ष के पैर में तीन जगह फेक्चर है। वहीं चंद्रिका जैन 45 वर्ष के कमर में चोट होना बताया। चूंकि बागबाहरा सरकारी अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है लिहाजा तीनों मरीजों को 108 एम्बुलेंस से जिला अस्पताल खरोरा महासमुंद भेजा गया। जिला अस्पताल में उपस्थित डॉ.ने मरीजों का उपचार करने के बजाय उन्हें यहां कोई व्यवस्था नहीं है कहते हुए तीनों दुर्घटनाग्रस्त मरीजों को महासमुंद के निजी अस्पताल में भेज दिया गया। सरकारी अस्पताल में सेवा देने वाले डॉक्टरों का निजी अस्पताल में उपचार हेतु भेजना आश्चयजनक था। इसके बाद इस परिवार को सरकारी एम्बुलेंस से ही जिला मुख्यालय के एक चर्चित निजी अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया।
सरकारी डॉक्टर का निजी रिफर
जिला अस्पताल में पदस्थ जिम्मेदार सरकारी डॉक्टर द्वारा किसी मरीज को सरकारी अस्पताल में सुविधा नहीं है कह कर निजी अस्पताल भेजना प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है। ज्ञात हो कि जिला मुख्यालय में अब मेडिकल कॉलेज भी खुल रहा है जिला अस्पताल अब मेडिकल कॉलेज अस्पताल का रूप ले चुका है इसके बावजूद यहां पदस्थ एक डॉक्टर के उक्त रवैये ने अभी से मेडिकल कॉलेज अस्पताल की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगाने के लिए पर्याप्त है।
स्वास्थ्य मंत्री से शिकायत
स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए लगातार चर्चा में रहने वाले स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव एवं महामहिम राज्यपाल से जिला अस्पताल की व्यवस्था और स्वास्थ्य अधिकारियों डॉक्टरों द्वारा की जा रही लापरवाही की शिकायत पीडि़त परिवार द्वारा की गई है।

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