रायपुर। छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले की एडीजे कोर्ट ने हत्यारे पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उसने जरा से घरेलू विवाद के...
रायपुर। छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले की एडीजे कोर्ट ने हत्यारे पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उसने जरा से घरेलू विवाद के चलते अपनी पत्नी की गला काटकर हत्या कर दी थी। दोनों की शादी को महज 6 साल हुए थे और उनके तीन बच्चे भी हैं। फिलहाल कोर्ट ने विधिक सेवा प्राधिकरण को बच्चों के लिए समुचित प्रतिकर दिए जाने के निर्देश दिए हैं। दरअसल, गौरेला क्षेत्र के नेवरी नवापारा गांव निवासी सीताराम उर्फ गोलू राठौर (27) ने 29 अप्रैल 2020 को अपनी पत्नी अनीता राठौर की हत्या कर दी थी। दोनों की शादी साल 2014 में हुई थी। इसके बाद से दोनों के बीच अक्सर ही विवाद होता रहता था। इसके चलते वारदात से करीब एक महीने पहले अनीता गुस्से में मायके चली गई थी, लेकिन सीताराम उसे मनाकर घर ले आया।
-हत्या के बाद शव को बाड़ी में छिपा दिया था
घर लौटने के बाद कुछ दिन तक ठीक रहा, लेकिन फिर से दोनों के बीच झगड़ा शुरू हो गया। 29 अप्रैल को फिर झगड़ा हुआ तो रात करीब 8.30 बजे सीताराम ने अनीता का चाकू से गला काट दिया और शव बाड़ी में छिपा दिया था। अनीता के लापता होने पर परिजनों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने दूसरे दिन शव बरामद कर आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया था।
माता-पिता के आश्रय ये वंचित हुए बच्चे
मामले की सुनवाई एडीजे विनय कुमार प्रधान की कोर्ट में हुई। कोर्ट ने कहा, बच्चों की मां की हत्या हो गई और हत्यारा इनका पिता है। बच्चे माता-पिता के आश्रय से वंचित रह गए हैं। ऐसे में पीडि़त प्रतिकर योजना के तहत एक कॉपी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के सचिव को भेजने का निर्देश दिया गया है। मामले में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक पंकज नगाईच पैरवी की।
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