प्रदेश में आदिवासी हितों की पूर्ववर्ती भाजपा और वर्तमान सरकार ने की अनदेखी abernews रायपुर। आम आदमी पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मिहिर क...
abernews रायपुर। आम आदमी पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मिहिर कुर्मी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए जानकारी दी कि प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा है कि समाजसेवी सोनी सोरी को अदालत ने नक्सलियों को पैसे पहुंचाने के आरोप से बरी कर दी है, जो कि स्वागतेय फैसला है।कोमल हुपेण्डी ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार और वर्तमान कांग्रेस सरकार ने आदिवासी हितों के साथ लगातार अनदेखी की है, यही वजह है कि आज भी कई निर्दोष आदिवासी फर्जी आरोपों के कारण जेल में बंद हैं।कांग्रेस सरकार ने उन्हें रिहा करने का वादा किया था लेकिन आज तक ठोस निर्णय नहीं आया।कोमल हुपेण्डी ने सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा है कि प्रदेश में हमेशा से ही आदिवासी हितों को अनदेखा किया गया है। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने 15 सालों के अपने शासन के दौरान आदिवासी नेताओँ की आवाज को दबाने के लिए उन पर झूठे आरोप लगाकर फसाने तक का काम करती रही है। वहीं अभी भी आदिवासियों को अपने जल जंगल जमीन सहित अपने हक के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। जो कि दुखदायी है। कोमल हुपेण्डी ने कहा कि जिस तरह से 2011 में सोनी सोरी को पुलिस ने फसाने का प्रयास किया पर आज एनआईए की विशेष अदालत ने उन्हें दोषमुक्त कर दिया है। अदालत का फैसला स्वागतयोग्य है । उन्होंने आगे कहा कि बस्तर सहित प्रदेश में ऐसे हज़ारों मामले है जिनमे आदिवासियों को जबरन फसाया जाता है। अतः स्पष्ट है कि सरकारें आदिवासियों के खिलाफ विद्वेष रखतीं हैं।
दरअसल छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में साल 2011 में एस्सार और माओवादियों के बीच पैसे की लेन-देन को लेकर पुलिस की कार्रवाई
पर अबं एनआईए की विशेष अदालत ने सोनी सोरी सहित 4 को दोषमुक्त कर दिया है।
इस मामले में पुलिस ने सोनी सोरी समेत उनके भतीजे लिंगाराम कोडोपी, ठेकेदार बीके लाल और एस्सार महाप्रबंधक डीवीसीएस वर्मा को आरोपी बनाया था। इनके खिलाफ कोई ठोस सबूत पुलिस पेश नहीं कर सकी, जिसके बाद कोर्ट ने सभी को दोषमुक्त कर दिया है। विशेष न्यायाधीश विनोद कुमार देवांगन, एनंआईए एक्ट/ अनूसुचित पुलिस की जब्त बताई गई 15 लाख रुपए राशि ठेकेदार बीके लाला को लौटाने का भी आदेश दिया है।
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