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बाबा साहेब ने दलितों, शोषितों और वंचितों के लिए समर्पित किया जीवन : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने  की मंगल भवन और ऑडिटोरियम निर्माण के लिए 50-50 लाख रुपये की घोषणा अंबेडकर चौक में लगेगी बाबा साहेब की 20 फ़ीट ऊंची न...


मुख्यमंत्री श्री बघेल ने  की मंगल भवन और ऑडिटोरियम निर्माण के लिए 50-50 लाख रुपये की घोषणा

अंबेडकर चौक में लगेगी बाबा साहेब की 20 फ़ीट ऊंची नई प्रतिमा 
बाबा साहेब अंबेडकर ने हमें दुनिया का सबसे अच्छा संविधान दिया 

abernews रायपुर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज अंबेडकर चौक में आयोजित बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जयंती समारोह में शामिल हुए। यहां उन्होंने मंगल भवन के लिये 50 लाख रूपये और देवेन्द्रनगर स्थित बौद्ध विहार में ऑडिटोरियम निर्माण के लिए 50 लाख रुपए की राशि देने की घोषणा की । इसके साथ ही उन्होंने अंबेडकर चौक में नगर निगम द्वारा बाबा साहेब की 20 फ़ीट ऊंची नई प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की। सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर ने दलित, शोषित और वंचितों के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। वे जन्म से लेकर मृत्युपर्यंत दलितों के उद्धार में लगे रहे। उन्होंने सामाजिक दंश झेलने के बावजूद भी उच्च शिक्षा प्राप्त की और समाज की सेवा और उत्थान में जुड़ गए ।

बाबा साहेब अंबेडकर ने मंत्र दिया कि 'शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो' । शिक्षा ही हमें अपने अधिकारों और कर्तव्यों का भान कराती है। जब हमें अपने कर्तव्य का भान होता है, हम अपनी उपेक्षा के विरुद्ध सोचते हैं, यही विचार हमें संघर्ष की प्रेरणा देती है और संघर्ष संगठित होकर ही किया जाता है। बाबासाहेब का दिया संविधान हमें सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता का अवसर देता है। इस संविधान के चलते हमें आरक्षण मिला। बाबा साहेब न होते तो समाज वर्ग विभाजन के ऊपर नहीं उठ पाता। उन्होंने हमें दुनिया का सबसे अच्छा संविधान दिया, जिसने शिक्षा, समानता और नौकरी का अधिकार दिया है। 

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आगे कहा कि बाबा साहेब की नीतियों पर चलते हुए हमें जन-जन के अधिकारों और कर्तव्यों के लिए काम करना है । हमें सोचना है कि न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका कितने अधिकार संपन्न और सुरक्षित हैं, क्या यह स्वतंत्र होकर कार्य कर पा रही हैं। दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजादी के बाद जितनी संस्थाएं, जो लगातार हमारे अधिकारों को संरक्षित करने का काम कर रही थी , षड्यंत्रपूर्वक उनकी शक्तियां कमजोर की जा रही हैं। यदि सभी सार्वजनिक उपक्रम निजी हाथों में चले जाएंगे तो हमें नौकरी में आरक्षण का लाभ कैसे मिलेगा। हमारे छत्तीसगढ़ में बाल्को प्लांट, भिलाई प्लांट, नगरनार जैसे प्लांट बिकने की कतार में हैं, प्लेन, रेल जैसे सार्वजनिक परिवहन की इकाइयों को निजी हाथों में दिया जा रहा है। हमें अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है। यही समय है संघर्ष करने का अन्याय से टकराना जरूरी है। 

बाबा साहेब के रास्तों पर चलते हुए हमारी सरकार ने जाति प्रमाण पत्र का सरलीकरण किया है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जहां यदि माता-पिता के पास जाति प्रमाण पत्र है तो बच्चे को पैदा होते ही उसका जाति प्रमाण पत्र दे दिया जाता है। बाबा साहेब ने शिक्षा को सबसे ज्यादा महत्व दिया। उनकी नीति को आत्मसात करते हुए हमने आज लिए निर्णय में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल जहां बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में उत्कृष्ट शिक्षा दी जाती है, वहां कक्षा में प्रवेश 40 से बढ़ाकर 50 बच्चों की व्यवस्था करने के निर्देश दिये हैं । 
इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य कर एवं आबकारी मंत्री श्री कवासी लखमा, नगरीय प्रशासन मंत्री श्री शिव डहरिया, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष श्री पंकज शर्मा , रायपुर महापौर श्री ऐज़ाज़ ढेबर, गुरू घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के अध्यक्ष श्री के पी खांडे एवं अंबेडकर समारोह आयोजन समिति के सदस्यगण उपस्थित रहे।

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