abernews रायपुर। आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ के प्रदेश संगठन सचिव (संगठन विस्तार ) गोपाल साहू ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर किसानों के साथ दोहर...
abernews रायपुर। आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ के प्रदेश संगठन सचिव (संगठन विस्तार ) गोपाल साहू ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर किसानों के साथ दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जिस कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए प्रदेश के किसानों से बड़े बड़े वादे किए थे वो सब झूठे थे और आज साढ़े तीन साल में ही हकीकत सामने आ गयी है।
छत्तीसगढ़ में खरीफ की फसलों की खेती के लिए एक बार फिर ख़ाद का संकट गहरा गया है। प्रदेश के अन्नदाता मुश्किल में हैं। आज स्थिति यह है कि पर्याप्त खाद की व्यवस्था नहीं होने से किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही है।सहकारी समितियों से किसान बैरंग लौट रहे हैं। प्रदेश में अब तक केवल 32 फीसदी उर्वरक का वितरण ही हो पाया है और
कई समितियों में यह स्टॉंक खत्म भी हो गया है। कुछ सहकारी समितियां तो ऐसी जहां पोटाश की कमी है। इससे किसानों को बैरेंग लौटना पड़ रहा है जबकि इस बार फसल बोआई के लक्ष्य में 55 हजार हेक्टेयर की वृद्धि की गई है। कृषि विभाग के आंकड़ों की मुताबिक इस खरीफ सीजन में 13.70 लाख
मीट्रिक टन खाद वितरण का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन खाद की आवक नहीं होने के कारण 6.45 लाख मीट्रिक टन ही भण्डारण हो सका है। इनमें से अब तक 2 लाख मीट्रिक टन से अधिक उर्वरक का ही वितरण किया गया है। प्रदेश कि लापरवाह कांग्रेस सरकार हर जिले से आंकडे तक इकठ्ठा नहीं कर पा रही है।
खरीफ सीजन 2021-22 में जिन पंजीकृत किसानों ने समिति से ऋण के रूप में यूरिया खाद का परमिट कटाया था जिसका पैसा धान बेचने के बाद लिंकिंग से काट लिया गया है। उन किसानों को भी यूरिया खाद अब तक नहीं मिल पा रहा है, जिससे पंजीकृत किसान परेशान हैं ।
इस साल यूरिया की आपूर्ति बढ़ाने की मांग कृषि का मौसम आने के साथ ही हर जिले में खाद का संकट गहराने लगा है।
गोपाल साहू ने कहा कि कांग्रेस सरकार का कहना है कि डीएपी और सुपर फॉस्पेट का पर्याप्त भुंडारण है।वहीं प्रदेश के क़ृषि मंत्री रविंद्र चौबे हास्यास्पद बयान देते हैं कि प्रदेश में खाद का संकट रूस यूक्रेन युद्ध की वजह से है,लेकिन यूरिया की कमी बनी हुई है और समितियों और सम्बंधित अधिकारियों सहित राज्य सरकार का झूठ सामने आ चुका है।
आम आदमी पार्टी अब किसानों की लड़ाई सड़क तक ले जायेगी और किसान भाइयों के हक के लिए लड़ाई अंत तक लड़ेगी।
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