गुरुर । बालोद जिले के छह थाना प्रभारियों का तबादला हुआ है। पूरे छत्तीसगढ़ में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मियों का तबादला किया गया है। हालांकि अ...
गुरुर । बालोद जिले के छह थाना प्रभारियों का तबादला हुआ है। पूरे छत्तीसगढ़ में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मियों का तबादला किया गया है। हालांकि अभी थाना प्रभारी अपने नए जगहों पर ज्वाइन नहीं कर पाए हैं। गुरुर थाने में पदस्थ प्रभारी रोहित मालेकर द्वारा लगातार की गई अपराधियों की धरपकड़ के चलते उनमें दहशत का माहौल था। खास तौर से जुआ, शराब, सट्टा पर उन्होंने ताबड़तोड़ कार्यवाही की। एक-एक व्यक्ति जो इसमें शामिल थे उन्हें गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे भेजा गया। उनकी कार्यवाही से लगातार अपराध जगत में दहशत का माहौल रहा। स्थिति में इतना सुधार आया कि जहां एक समय खुलेआम जुआ, सट्टा, शराब चलता था। वहां अब लोग घबराते हैं। जहां देसी शराब दुकान के आसपास शराबियों का जमघट लगता था वहां अब लोग बैठ कर पीने से घबराते हैं। पुलिस के इस कार्यवाही से नगर वासियों ने भी राहत की सांस ली। पर इस शांति में फिर से अशांति फैलाने का आरोप अपराधी और असामाजिक तत्व के लोग कर रहे हैं। वह इसलिए कि जैसे ही थाना प्रभारी के तबादले की खबर सामने आई उन लोगों द्वारा पटाखे फोड़ कर खुशी मनाई जा रही है। जो समाज के लिए भी चिंता का विषय है। समाज के प्रति चिंतकों का कहना है कि अपराधी किस्म के लोगों द्वारा इस तरह से थाना प्रभारी के तबादले की सूचना के बाद जश्न मनाया जाना, अपराध को ही बढ़ावा है। यह गलत परंपरा शुरू की जा रही है। जिसका जागरूक वर्ग को विरोध करना चाहिए। ऐसे में पुलिस का मनोबल कमजोर होता है। एक तरफ जहां पुलिस समाज सुधारक की भूमिका निभा सकते हैं लेकिन अगर उन पर विभागीय तबादले की कार्रवाई हो तो ऐसे में उनके जाने के बाद दोबारा अपराधी किस्म के लोग अपना पांव पसारे तो इससे समाज का ही नुकसान है। पुलिस और कानून का मकसद होता है कि अपराधी अपराध छोड़कर सही रास्ते में आ जाए। समाज के मुख्यधारा में जुड़े। लेकिन यहां तो धारा उल्टी बहने लगी है। सोरर सहित कुछ गांव से यह शिकायत सामने आई है कि थाना प्रभारी के तबादले की खबर मिलने के बाद जो लोग पहले शराब जुआ सट्टा में संलिप्त रहते थे, जिन्हें पुलिस ने कभी पकड़ा था, वह पटाखे फोड़ रहे हैं। ऐसे ही शिकायत कुछ माह पूर्व बालोद क्षेत्र के ग्राम जगन्नाथपुर में भी आई थी। जहां पुलिस द्वारा शराब कोचियों की धरपकड़ की गई और तीन से चार लोगों को जेल भेजा गया और बाद में जब जमानत पर छूट कर आए तो उनके द्वारा पटाखे फोड़ कर जश्न मनाया गया। और अपराध को बढ़ावा दिया गया। ऐसे में लोग कानून का भी मजाक उड़ाते हैं। गुरुर के कई ऐसे गांव हैं जो शराब और सट्टा जुआ का गढ़ बना हुआ था। पर अब वहां शांति का माहौल है। लेकिन एक बार फिर अपराधी किस्म के लोग अपने तंबू से बाहर आने लगे हैं। इसकी खबर मिलने पर स्वयं थाना प्रभारी रोहित मालेकर का कहना है कि अभी तो मैं गया नहीं हूं। जब तक गुरुर में हूं कार्यवाही जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि मेरे तबादले को अभी कुछ दिन और अधिकारियों ने रोका है। अभी कुछ हफ्ते मैं अभी गुरुर में हीं रहूंगा। क्योंकि जहां स्थिति सुधर रही है और जाने के बाद स्थिति ना बिगड़े इसलिए कानून व्यवस्था को मजबूत बनाए रखना जरूरी है। बिगड़ते माहौल को संभालना पुलिस का अहम काम होता है। गुरुर ब्लॉक में स्थिति विस्फोटक ना हो इसे देखते हुए थाना प्रभारी अभी वहीं रहेंगे और उन्हें यहां से रिलीव नहीं किया जा रहा है। थाना प्रभारी का कहना है कि जो जो अभी भी अपराध में संलिप्त हैं उनकी शिनाख्त कर उन पर कार्यवाही की जाएगी। पुलिस और कानून का मजाक उड़ाने वाले बख्शे नहीं जाएंगे।
No comments