रायपुर । हमारे पूरे छत्तीसगढ़ के 10 लाख से अधिक भोले भाले प्रदेश वासी इन चिटफंड फ्रॉड से पीड़ित है और प्रदेश सरकार और मात हत प्रशासन कछुआ की...
रायपुर । हमारे पूरे छत्तीसगढ़ के 10 लाख से अधिक भोले भाले प्रदेश वासी इन चिटफंड फ्रॉड से पीड़ित है और प्रदेश सरकार और मात हत प्रशासन कछुआ की चाल से कार्यवाही कर रहा है। अनुमान से विभिन्न कंपनियों के लगभग 15000 करोड़ रुपए से भी अधिक के इस फ्रॉड में लगभग 10लाख लोग पीड़ित है। ये सारे प्रभावित कोर्ट कचहरी करते करते और कितना ही पैसे खर्च कर अपना जीवन यू ही गवा रहे है। एजेंट और कर्मचारी अपना कमीशन लेकर चल दिए और कंपनी गायब । अब कोर्ट के आदेश के बाद जब्त संपत्तियों की होगी नीलामी लेकिन जनता को न्याय के रूप में कुछ रकम ही मिल पाएगी।
सवाल ये है कि आखिर इस तरह की कंपनिया जब गांव में ये गोरख धंधा कर रही थी और गांव के लोगों को एजेंट बना कर पैसा जमा कर रही थी तब सरकार और प्रशासन ने कानून बना कर नकेल क्यों नहीं कसी । ये कंपनियां दूसरे राज्यों से आकर छत्तीसगढ़ में लूट मचा रही थी तब शासन और प्रशासन दोनो आंखे मूंदे हुए थे आखिर क्यों यह प्रदेश की जनता भी जानना चाहती है। जरूर इसमें प्रदेश सरकार और राजनैतिक पहुंच वाले लोगों और प्रशासन का हाथ हो सकता है।
प्रदेश के 10 लाख से अधिक निवेशकों के करीब 15 हजार करोड़ से अधिक डूबे है। प्रशासन ने त्वरित कार्यवाही क्यों नही की और प्रदेश की भोली भाली जनता इनका शिकार बनती रही है। अभी भी कुछ अंदर के इलाकों में ये कंपनियां छोटे स्तर पर नए नाम से थोड़ा बदलाव कर इस तरह के गोरख धंधे को जारी रखे है।
आम आदमी पार्टी अब प्रदेश की जनता के साथ ऐसे बिल्कुल नही होने देगी और जनता की आवाज बन लगातार ऐसे सवाल अभियान चला कर जनजागरण अभियान चलाती रहेगी और प्रदेश सरकार को जगाते रहेगी।
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