रायपुर। रायपुर जिले के अध्यक्ष श्री श्रीचंद सुंदरानी जी, महामंत्री ओंकार बैस जी, सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रचार प्रसार एवं मीडिया प्रभार...
रायपुर। रायपुर जिले के अध्यक्ष श्री श्रीचंद सुंदरानी जी, महामंत्री ओंकार बैस जी, सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रचार प्रसार एवं मीडिया प्रभारी सोमेश पांडे, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विकास अग्रवाल, एवं जिला सहकारिता प्रकोष्ठ के समस्त पदाधिकारी उपस्थित हुए,
सोमेश पांडे जी ने अपने उद्बोधन में बताया कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार द्वारा सहकारी समितियों के कार्यकाल समाप्त होने के पश्चात भी चुनाव नहीं कराया जाना लोकतंत्र की हत्या है।
उक्त समितियों के संचालन हेतु शासन द्वारा सर्वप्रथम* *सहकारिता विभाग और सहकारी बैंकों के कर्मचारियों को प्राधिकृत अधिकारी बनाकर पदस्थ किए जाने की कार्रवाई की गई। एक एक कर्मचारी को तीन तीन ,चार चार सोसायटीयों का प्रभार सौंपा गया। प्राप्त जानकारी अनुसार प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा गलत ढंग से प्रस्ताव पारित कर लाखों रुपए की राशि का आहरण किया जा रहा है जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। तत्पश्चात अब छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम में संशोधन कर शासन द्वारा कांग्रेस के सदस्यों( अशासकीय व्यक्तियों )को उपकृत करने के लिए , प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों एवं पुनर्गठन के पश्चात बनी नवीन सोसायटीयों में मनोनीत किया जा रहा है। जिससे न केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है बल्कि लोकतांत्रिक तरीके से सोसाइटीयों के चुने जाने वाले बोर्ड /प्रतिनिधियों पर रोक लगाई जा रही है। जिस का विरोध किया जाना है, तथा *शासन द्वारा एक नवंबर से धान खरीदी प्रारंभ किया जाना है ।वह भी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं तथा प्रदेश अध्यक्ष की मांग पर शासन द्वारा निर्णय लिया गया। धान खरीदी का सुव्यवस्थित संचालन हो ,उस पर निगरानी रखने एवं किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, उसके लिए निगरानी समिति बनाई जाएगी। सहकारिता प्रकोष्ठ के सदस्यों की भी महती भूमिका रहेगी धान खरीदी में । जिससे किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
श्रीचंद सुंदरानी जी ने अपने वक्तव्य में कहा की सहकारिता कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए डॉक्टर रमन सिंह की सरकार साडे चार लाख पंप कनेक्शन दिए थे लेकिन वर्तमान सरकार की कोई योजना नहीं है, दाना दाना धान खरीदने का वादा करने वाली सरकार लोगों का धान नहीं खरीद पा रही है, राजीव गांधी नया योजना ₹9000 देना था वह भी चार किस्तों में देते हुए आखिरी में गड़बड़ी कर देती है।
ओंकार बैस ने बताया किस तरह समर्थन मूल्य को तोड़ तोड़ कर किस्तों में सरकार देती है जिससे छोटे किसान परेशान होते हैं, टुकड़ों में पैसा सही काम के लिए नहीं लगा पाते हैं और चिल्हर में खत्म हो जाता है इस तरह किसान परेशान हो रहे हैं, कर्ज माफी को भी पूर्ण रूप से सरकार नहीं कर पाई है अतः किसानो से किए गए वादों को कांग्रेस सरकार पूर्ण नहीं की है और उनको छलने का काम किया है।
उपरोक्त बैठक का संचालन नीलम सिंह ने किया एवं आभार प्रदर्शन गीता ठाकुर ने किया।
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