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मैट्स यूनिवर्सिटी के स्कूल आफ साइंसेज विभाग द्वारा दो दिवसीय (7-8) विज्ञान और प्रोद्योगिकी में नवीन प्रगतियां विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमीनार सम्पन्न

हर जगह है विज्ञान और प्रोद्योगिकी का प्रभाव रायपुर। विज्ञान और प्रोद्योगिकी का प्रभाव हर जगह देखा जा सकता है। आधुनिक युग में विज्ञान में हो ...


हर जगह है विज्ञान और प्रोद्योगिकी का प्रभाव

रायपुर। विज्ञान और प्रोद्योगिकी का प्रभाव हर जगह देखा जा सकता है। आधुनिक युग में विज्ञान में हो रही नवीन प्रगतियां विद्यार्थियों को नए अवसर प्रदान कर रही है। विद्यार्थियों को विज्ञान की नवीन चुनौतियों का सामना कर नवाचार की दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता है। यह बातें मैट्स यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ साइंसेज विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार में विषय विशेषज्ञों ने कहीं।

मैट्स स्कूल ऑफ साइंसेज के विभागाध्यक्ष तथा सेमीनार के संयोजक डॉ. आशीष सराफ ने बताया कि मैट्स यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ साइंसेज विभाग द्वारा ’विज्ञान और प्रोद्योगिकी में नवीन प्रगतियां’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन किया गया। यह सेमीनार छत्तीसगढ़ विज्ञान और प्रोद्योगिकी परिषद द्वारा प्रायोजित किया गया था। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य अतिथि पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय  के कुलपति  प्रो. के.एल. वर्मा, विशिष्ट अतिथि व छत्तीसगढ़ विज्ञान और  प्रोद्योगिकी परिषद (सीसीओएसटी) के वैज्ञानिक डॉ. अमित कुमार  दुबे तथा मुख्य वक्ता  एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एस.पी. महापात्रा थे। इस सेमीनार में 300 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया जिसमें 57 शोध  पत्र पढ़े गए तथा 23 पोस्टर प्रस्तुत किए गये।

समीनार के मुख्य अतिथि पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.पी. यादव ने कोरोना महामारी के संकट के दौरान विज्ञान और प्रोद्योगिकी की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विज्ञान और प्रोद्योगिकी की नवीन प्रगति का प्रभाव हर जगह देखा जा सकता है। विज्ञान की प्रगति ने मानवता को बचाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्तमान युग में नवीन खोजों और अविष्कारों का युग है जिसमें विद्यार्थियों  के पास विज्ञान के अनंत आकाश में नवाचार के अनेक अवसर हैं।

विशिष्ट अतिथि डॉ. अमित कुमार दुबे ने विज्ञान और तकनीकी विकास के क्रांतिकारी दृष्टिकोण पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि नैनो तकनीक से जुड़ी विश्लेषणात्मक विधियों में हर समस्या का समाधान खोजने की अत्यधिक क्षमता है। वैज्ञानिक चुनौतियां आज भी हैं और विद्यार्थियों को इन चुनौतियों का सामना करते  हुए नवाचार की दिशा में अग्रसर होना चाहिए।

डॉ. रामास्वामी राजेश कुमार, तमिल नाडु और डॉ. सपना राय हराई नरसिंहपुर मध्यप्रदेश ने भी विशेष रूप से समिल्लित हुए और अपनी वक्ता से छात्र छात्राओं को प्रभावित किया

मुख्य वक्ता एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एस.पी. महापात्रा ने नैनो प्रोद्योगिकीः सिद्धांत और अनुप्रयोग विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने नैनो प्रोद्योगिकी के 20 प्रमुख वर्गीकरण पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने विज्ञान और प्रोद्योगिकी की वर्तमान प्रगति और भविष्य की चुनौतियों पर भी अपनने  विचार रखे।

सत्र की अध्यक्षता करते  हुए मैट्स यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. के.पी. यादव ने विज्ञान और प्रोद्योगिकीः सिद्धांत और व्यवहार विषय पर अपना उद्बोधन दिया। उन्होंने विज्ञान और प्रोद्योगिकी के माध्यम से रोजमर्रा के जीवन की दिन-प्रतिदिन की समस्याओं के सरल तथा  सीमीत समाधान पर जोर देते हुए कहा कि हमें इस  बात पर भी विचार करने की आवश्यकता है कि किस तरह विज्ञान के नवीन प्रयोगों से हम मानवता को भी बचाए रख सकें। उन्होंने मानव जाति की महत्वपूर्ण रूप से सेवा करने के लिए तत्काल योगदान देने के संदर्भ में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की एक समय रेखा प्रस्तुत की।


इस अवसर पर मैट्स यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति श्री गजराज पगारिया, महानिदेशक श्री प्रियेश पगारिया, उपकुलपति डॉ. दीपिका ढांड, कुलसचिव श्री गोकुलानंद पंडा सहित  विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापकगण सहित विभाग के  प्राध्यापकगण डॉ. संध्यारानी पांडा, डॉ. राधा कृष्णन, डॉ. मेघना श्रीवास्तव, डॉ. जसमीत कौर सोहल, डॉ. मनोज कुमार बंजारे, डॉ. बिंदुश्री बघेल, डॉ. भाग्यश्री देशपांडे, डॉ. प्रीतिका चटर्जी, डॉ. एस.के. कश्यप, श्री संदीप बाला,  वैज्ञानिक, शोधार्थी और छात्र प्रमुख रूप से उपस्थित थे। छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर, भिलाई, मध्यप्रदेश के भोपाल, जबलपुर और तमिलनाडु के विषय विशेषज्ञों ने भी इस सेमीनार में हिस्सा लिया।

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