भूपेश बघेल के कुशल नेतृत्व का परिणाम बेरोजगारी 0.1 प्रतिशत रायपुर। सेंटर फार मानिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के जारी किये गये ताजा रिपोर्ट में छत्त...
भूपेश बघेल के कुशल नेतृत्व का परिणाम बेरोजगारी 0.1 प्रतिशत
रायपुर। सेंटर फार मानिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के जारी किये गये ताजा रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ में सबसे कम बेरोजगारी दर 0.1 प्रतिशत होने पर प्रदेश प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कुशल नेतृत्व का परिणाम है कि बेरोजगारी दर मात्र 0.1 रह गई है और रोजगार देने के मामले में छत्तीसगढ़ देश में सबसे आगे है। छत्तीसगढ़ में बीते पौने चार साल के भीतर अनेक ऐसे नवाचार हुए हैं। जिनसे शहर से लेकर गांव तक हर हाथ को काम मिला है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समय-समय पर कई ऐतिहासिक निर्णय लिये है जिसका परिणाम रहा है कि प्रदेश में बेरोजगारी दर मात्र 0.1 प्रतिशत पर आ गया है। जबकि केन्द्र सरकार के अकुशल नेतृत्व का परिणाम है कि देश में बेरोजगारी दर का यह आंकड़ा 8.2 प्रतिशत में पहुँच गया है।
कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की 15 सालों से प्रदेश में सरकार थी और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के राज में बेरोजगारी का प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से भी कहीं ज्यादा था जिसके की कारण प्रदेश के मूल निवासी अन्य राज्यों में कमाने खाने और रोजगार के लिये पलायन करने को मजबूर थे। इसका कारण था कि पूर्ववर्ती रमन सरकार में उन योजनाओं को प्रतिपादित किया जाता था जिसमें की भाजपा नेताओं को मोटा कमीशन मिल सके। जन हितैषी और रोजगार मूलक किसी भी प्रकार की योजना पर 15 सालों में पूर्ववर्ती रमन सरकार ने कोई भी प्रयास नहीं किया जिसके कारण प्रदेश की जनता ने उन्हें 15 साल में केवल 14 सीटों पर सिमटा दिया और चार विधानसभा के उपचुनाव सहित नगर निगम, नगर पालिका और पंचायत के चुनावो में भारतीय जनता पार्टी का छत्तीसगढ़ राज्य से सूपड़ा साफ हो गया है और वर्तमान में उपचुनाव भानुप्रतापपुर में भी करारी शिकस्त होने वाली है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी के द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़े भारतीय जनता पार्टी के मुंह में करारा तमाचा जड़ने जैसा है। प्रदेश भाजपा के नेता लगातार कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर बेबुनियाद मनगढ़ंत और झूठे आरोप लगाकर विपक्ष की भूमिका निभाने में असफल साबित हो रहे हैं। 15 सालों से सत्ता की मलाई खाने के बाद प्रदेश भाजपा के नेताओं को यह समझ में नहीं आ रहा कि विपक्ष में उनकी भूमिका क्या है और किन मुद्दों पर वह जनता का विश्वास जीत सकते हैं। कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार के कारण ये प्रदेश की सत्ता से बाहर हो गये और अब केवल झूठ की राजनीति और मनगढ़ंत आरोपों के सहारे भाजपा प्रदेश में राजनीति कर रही है।
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