Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE
Thursday, April 24

Pages

Classic Header

Top Ad

ब्रेकिंग :

Breaking News

- Advertisement - Ads " alt="" />" alt="" />

छत्तीसगढ़ी भाषा को वैश्विक पहचान दिलाने एकजुट हुए साहित्यकार

छत्तीसगढ़ लोक साहित्य सम्मेलन में तीन पुस्तकें विमोचित छत्तीसगढ़ लोक साहित्य सम्मेलन शामिल हुए प्रदेशभर के साहित्यकार रायपुर। राज्य स्तरीय युव...


छत्तीसगढ़ लोक साहित्य सम्मेलन में तीन पुस्तकें विमोचित

छत्तीसगढ़ लोक साहित्य सम्मेलन शामिल हुए प्रदेशभर के साहित्यकार

रायपुर। राज्य स्तरीय युवा महोत्सव और छत्तीसगढ़ लोक साहित्य सम्मेलन के दूसरे दिन आज रविवार को राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज परिसर के ऑडिटोरियम में छत्तीसगढ़ साहित्य और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विषय पर दो सत्रों में छत्तीसगढ़ लोक साहित्य सम्मेलन सम्पन्न हुआ। सत्र का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और राजगीत से हुआ। इस अवसर पर बेमेतरा से आये श्री रामानंद त्रिपाठी की कविता को श्रोताओं ने खूब सराहा। इस मौके पर लेखक श्री कृष्ण कुमार पाटिल की पुस्तक जय छत्तीसगढ़ दाई, डॉ. गीतेश अमरोही की पुस्तक कौशल्या और छत्तीसगढ़ी उपन्यास सोन कमल का विमोचन किया गया।


सत्र में कई प्रतिभागियों ने अपने विचार व्यक्त किये। श्री संजीव तिवारी ने छत्तीसगढ़ी भाषा के विकास के लिए इलेक्ट्रॉनिक माध्यम पर आगे कैसे कार्य किया जाए एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से छत्तीसगढ़ी की-बोर्ड के विकास के बिंदुओं पर अपने विचार और अनुभव साझा किये। प्रतिभागियों ने आधुनिक छत्तीसगढ़ी और पुरानी छत्तीसगढ़ी भाषा का उपयोग आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं डिजिटल मीडिया के माध्यम से आज के लोगो पर पड़ रहे प्रभाव एवं भाषाई अंतर पर अपने-अपने अनुभव व्यक्त किये। सम्मेलन में छत्तीसगढ़ी साहित्य को अधिक से अधिक इंटरनेट के माध्यम से वेबपोर्टल और ब्लॉग बनाकर आगे बढ़ाने के तरीके पर भी चर्चा की गई। जिसमें प्रतिभागियों ने भाषा के विकास के लिए आधुनिक और पुराने छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग के सहयोग की मांग की। राजभाषा आयोग के सचिव डॉ. अनिल कुमार भतपहरी ने पूरे सहयोग का भरोसा दिया।


छत्तीसगढ़ लोक साहित्य सम्मेलन के दूसरे सत्र की अध्यक्षता डॉ. सुधीर पाठक ने की। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. वीणा बंजारे ने अपने उद्बोधन से किया। जिसमें उन्होंने पुराने रीति-रिवाजों पर चर्चा की और संस्कृति साहित्य को आगे बढ़ाने आधुनिक माध्यम इंटरनेट और वीडियो माध्यम पर विशेष जोर दिया। कार्यक्रम में साहित्यकार कृष्ण कुमार पाटिल, डॉ गीतेश अमरोही, उपन्यासकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मधुमिता पाल और वेब मीडिया के विशेषज्ञ गुरतुर गोठ के संपादक संजीव कुमार तिवारी मौजूद रहे।

No comments

कृषि मंत्री नेताम के निर्देश पर अनाज, दलहन एवं तिलहन बीजों क...

जेईई मेंस-2025 में प्रयास के बच्चों का शानदार प्रदर्शन

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राष्ट्रीय पंचायतीराज दिवस पर कि...

उग्रसेन की मेहनत और वन अधिकार पत्र: एक परिवार की उम्मीदों की...

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के ...

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिव...

छत्तीसगढ़ में निवेश के असीम अवसर : वाणिज्य मंत्री ने मुंबई ...

देश को इस्पात उत्पादन का वैश्विक केन्द्र बनाने में अग्रणी भू...

राज्यपाल रमेन डेका ने आतंकी हमले मे जान गंवाने वाले मिरानिया...

'आतंकवादियों की कायराना हरकत से प्रदेश ने अपना बेटा खोया': ...