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हाट बाजार क्लीनिक से मिल रही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं

   रायपुर छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचलों विशेषकर पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं तेजी से पहुंच रही है। स्वास्थ्य विभाग का अमला हाट...

 


 रायपुर छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचलों विशेषकर पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं तेजी से पहुंच रही है। स्वास्थ्य विभाग का अमला हाट बाजार क्लीनिक के माध्यम से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं। राज्य के ग्रामीण अंचलों में एक लाख 44 हजार 962 हाट बाजार क्लीनिक का आयोजन किया जा चुका है। इन आयोजनों में 82 लाख से अधिक मरीजों को सीधा फायदा मिला है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा हाट बाजारों में आयोजित किए जा रहे क्लीनिकों में लोगों को उपचार के साथ-साथ निःशुल्क दवाईयां और पैथोलॉजी की सुविधाएं मिल रही है। योजना के अंतर्गत राज्य में 429 डेडिकेटेड ब्राडिंग वाहन तथा चिकित्सा दलों के माध्यम से दूरस्थ अंचलों में लोगों का इलाज किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार की फ्लैगशिप योजना मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना से बस्तर-सरगुजा सहित राज्य के अन्य पहुंचविहीन और दुर्गम इलाके में रहने वाले लोगों को काफी फायदा हो रहा है। जहां एक तरफ इस योजना से महिलाओं और बच्चों के पोषण में सतत् निगरानी हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ योजना से बस्तर में मलेरिया उन्मूलन अभियान को गति मिली है। इन इलाकों में महिलाओं और बच्चों में पोषण स्तर की जांच और कुपोषण के रोकथाम के लिए भी यह योजना कारगर सिद्ध हो रही है। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना के अंतर्गत प्रदेश में अब तक 23 लाख 13 हजार 461 लोगों के उच्च रक्तचाप, 19 लाख 88 हजार 675 लोगों की मधुमेह, छह लाख 19 हजार 015 लोगों की मलेरिया जांच, चार लाख 73 हजार 560 लोगों की रक्त-अल्पता (एनीमिया) और दो लाख 90 हजार 047 लोगों में नेत्र विकारों की जांच की गई है। इन क्लीनिकों में 58 हजार 681 लोगों की टीबी, 31 हजार 700 लोगों की कुष्ठ और 45 हजार 640 लोगों की एचआईव्ही जांच भी की गई है। इस दौरान एक लाख चार हजार 273 गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच भी की गई है। हाट-बाजारों में आयोजित क्लीनिकों में दो लाख दो हजार 371 डायरिया पीड़ितों का भी उपचार किया गया है। बस्तर संभाग में अब तक 11 लाख 34 हजार 708 लोगों का इलाज किया जा चुका है। 


पखनार गांव की बदली तस्वीर

बस्तर जिले के दरभा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले पखनार गांव की तस्वीर बदल रही है। डिलमिली की पहाड़ियों पर बसा यह गांव कभी नक्सल प्रभावित था। लेकिन अब यहां सब कुछ बदल गया है। सड़क, बिजली, पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं जैसी मूलभूत आवश्यकताएं यहां पूरी हो रही हैं। पखनार के हाट-बाजार क्लिनिक में इलाज करने पहुंचे डॉक्टर दुलेश्वर दानी ने बताया कि इस योजना से यहां गर्भवती माताओं और शिशुओं की जांच व टीकाकरण, संक्रामक तथा असंक्रामक बीमारियों की जांच, नेत्र रोग, कुपोषण, चर्म रोग, मधुमेय, टीवी, उच्च रक्तचाप और परिवार नियोजन संबंधित सलाह दी जा रही है। 


स्वास्थ्य टीम में होते है स्थानीय बोली के जानकार 


डॉ. दानी ने बताया कि छोटी-मोटी बीमारियों और उसके टेस्ट के लिए ग्रामीणों को शहर नहीं जाना पड़ता है। चेकअप के दौरान उचित स्वास्थ्य परामर्श दिया जाता है। इसके अलावा एक एंबुलेंस की भी सुविधा है जिससे इमरजेंसी जैसी स्थिति के लिए उपयोग किया जाता है। बस्तर अंचल में लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्थानीय बोली के जानकार चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टॉफ की मदद ली जा रही है। बाजार में ही दुकान लगाने वाली कटेनार की श्रीमती लोदी ने बताया कि हाट-बाजार क्लीनिक का फायदा उन्हें मिल रहा है। वह बीपी का चेकअप कराने हाट-बाजार क्लीनिक में जाती हैं। दवाईयां भी उन्हें फ्री में दी जाती है। ऐसे क्षेत्रों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा उन्हें गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सुविधा लोगों के घर तक पहुंच रही है।

 
 



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