बिहारपुर: जिले के चाँदनी बिहारपुर के सीमावर्ती क्षेत्र में जंगली जानवरों का आतंक थम नहीं रहा है। जंगलों से रहवासी क्षेत्रों में हिंसक वन्...
बिहारपुर: जिले के चाँदनी बिहारपुर के सीमावर्ती क्षेत्र में जंगली जानवरों का आतंक थम नहीं रहा है। जंगलों से रहवासी क्षेत्रों में हिंसक वन्य प्राणी आ रहे हैं। हाथी, भालू, तेंदुआ के साथ अब बाघ की आमद से ग्रामीण दहशत के साये में जीने को मजबूर है तो वही बाघ की गांवों में हो रही चहलकदमी से ग्रामीणों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। ग्रामीण डर व दहशत के साए में है। राष्ट्रीय उद्यान परिक्षेत्र होने पर वन अमला उद्यान विभाग पर जिम्मेदारी डाल रहा है तो वही उद्यानकर्मी वन विभाग को जवाबदेही बता कर अपनी आँखे बंद कर दी है। बाघ के मूवमेंट के प्रति दोनों विभाग हाथ पर हाथ रखे बैठे हुए है हालांकि जागरूक ग्रामीणों ने बाघ की तस्वीर और उसके पंजे की तस्वीर कैद कर दोनों विभाग के कर्मचारियों के साथ सोशल मीडिया में डाल दिये है. गौरतलब है कि 5 दिनो से लूल्ह,भुंडा,बैजनपाठ, खोहिर, कछवारी,रामगढ़,महुली में बाघ की हलचल बनी हुई है। कई ग्रामीणों से बाघ से आमना सामना भी हुआ तो ग्रामीण इकट्ठा होकर बाघ खदेड़ा भी है. बीते दिन शुक्रवार को शाम ढलते ही बाघ महुली गांव आ धमका, घंटो बस्ती में चहलकदमी करने के बाद समीप के नदी किनारे पहुचने पर ग्रामीण लाठी, डंडा, टार्च ओर मशाल जलाकर बाघ को कछवारी के जंगल की ओर भगाया. फिलहाल बाघ की स्वछंद विचरण से ग्रामीणों में दहशत बढ़ गई है। बाघ का आतंक ऐसा की ग्रामीण दिन हो शाम अपने घरों में दुबके हुए है, ताकि बाघ का शिकार ना हो जाए. इधर लोगों की सुरक्षा को लेकर विभाग की ओर से ग्रामीणों को किसी प्रकार की कोई मदद नही मिल रही है.ग्रामीणों ने संबंधित विभाग से बाघ का रेस्क्यू कर पकडऩे की मांग की है।
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