लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्रमुख जिलों में से एक सुल्तानपुर है। लखनऊ से इस जिले की दूरी करीब 158 किलोमीटर है। सुल्तानपुर ऐतिहासिक और सांस्कृ...
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्रमुख जिलों में से एक सुल्तानपुर है। लखनऊ से इस जिले की दूरी करीब 158 किलोमीटर है। सुल्तानपुर ऐतिहासिक और सांस्कृतिक तौर पर जाना जाता है। इसके अलावा ये भूमि महर्षि वाल्मिकि, दुर्वासा और वशिष्ठ जैसे ऋषि मुनि की तपोस्थली रही है। इसके अलावा ये ये घूमने के लिए भी काफी फेमस है। आज की स्टोरी में हम आपको सुल्तानपुर के ऐसे ही कुछ खास प्लेस के बारे में बताने जा रहे हैं।
पारिजात वृक्ष
सुल्तानपुर के गोमती नदी के किनारे पारिजात का पेड़ है। लोगों का मानना है कि यहां सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस वृक्ष को लेकर पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। जिसके मुताबिक भगवान श्री कृष्ण की पत्नी सत्यभामा ने व्रत के दौरान पारिजात को धरती पर लाने की जिद की थी। इस पर इंद्र और श्रीकृष्ण के बीच युद्ध हुआ जिसमें कृषण जीत गए। तब देवमाता ने उन्हें पारिजात वृक्ष भेंट किया था।
धोपाप मंदिर
सुल्तानपुर के लंभुआ विकास खंड में स्थित धोपाप मंदिर में एक धार्मिक पर्यटक स्थल है। यहां रामनवमी के दिन हिंदू श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है। लोगों का ऐसा मानना है कि यहां स्नान करने से मुक्ति मिलती है। अयोध्या से इस मंदिर की दूरी करीब 85 किलोमीटर है।
बिजेथुआ महावीरन मंदिर
बिजेथुआ महावीरन मंदिर हिंदू धर्म के श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र है। धार्मिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम रावण युद्ध के दौरान हनुमान लक्ष्मण के लिए संजीवनी लाने जा रहे थे तब वे दैत्य कालनेमि नाम का राक्षस ने वेश बदलकर उनकी यात्रा में विघ्न डालने की कोशिश की। जब हनुमान ने उसका वहीं पर वध कर दिया था। फिर कुंड में स्नान कर वहां से चले गए। तब से यहां स्थित सरोवर का नाम मकड़ी कुंड पड़ गया।
श्रीगौरी शंकर धाम
सुल्तानपुर के प्रसिद्ध शिव मंदिरों में से एक श्रीगौरी शंकर धाम है। ये शाहपुर के जंगलों में स्थित है। महाशिवरात्रि और सावन महीने में यहां शिव भक्तों की भारी भीड़ जमा होती है। सुबह चार बजे से ही श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें लग जाती हैं।
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