नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि ऑनलाइन चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने वाले ऐप ‘ई-संजीवनी’ की पहुंच भारत में डिजिट...
नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि ऑनलाइन चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने वाले ऐप ‘ई-संजीवनी’ की पहुंच भारत में डिजिटल क्रांति की शक्ति को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि 10 करोड़ से अधिक लोगों ने इस सुविधा का लाभ उठाया है. आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘‘मन की बात’’ की 98वीं कड़ी में उन्होंने कहा कि ई-संजीवनी ऐप आम आदमी, मध्यम वर्ग और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों के लिए जीवन रक्षक ऐप बन गया है. उन्होंने कहा, ‘‘ये है भारत की डिजिटल क्रांति की शक्ति.’’ मोदी ने कहा कि इस ऐप का उपयोग कर अब तक ‘टेलीकंसल्टेशन’ करने वालों की संख्या 10 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है. उन्होंने कहा, ‘‘ये बहुत बड़ी उपलब्धि है. भारत के लोगों ने तकनीक को कैसे, अपने जीवन का हिस्सा बनाया है, ये इसका जीता-जागता उदाहरण है.’’ उन्होंने कहा कि कोरोना काल में ई-संजीवनी ऐप के जरिए ‘टेलीकंसल्टेशन’ एक बड़ा वरदान साबित हुआ. प्रधानमंत्री ने इस दौरान एक चिकित्सक और एक मरीज से संवाद भी किया. उन्होंने कहा, ‘‘देश के सामान्य लोगों के लिए, मध्यम वर्ग के लिए, पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वालों के लिए, ई-संजीवनी जीवन रक्षा करने वाला ऐप बन रहा है.’’ प्रधानमंत्री ने भारत के डिजिटल लेनदेन के मंच ‘यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस’ (यूपीआई) का भी उल्लेख किया और कहा कि दुनिया के कई देश इसकी तरफ आर्किषत हैं. उन्होंने भारत और सिंगापुर के बीच हाल में डिजिटल लेनदेन लिंक सेवा शुरू किए जाने का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘भारत का ई-संजीवनी ऐप हो या फिर यूपीआई, ये जीवन जीने की सुगमता को बढ़ाने में बहुत मददगार साबित हुए हैं.’’ प्रधानमंत्री ने देशवासियों से भारत को स्वच्छ बनाने में योगदान करने और प्लास्टिक थैलों की जगह कपड़ों के थैलों का इस्तेमाल करने की अपील की. उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान ने देश में जन-भागीदारी के मायने बदल दिए हैं. इस क्रम में उन्होंने हरियाणा के दुल्हेड़ी गांव के सफाई अभियान की चर्चा की जिसमें ग्रामीणों ने भिवानी शहर को स्वच्छता के मामले में अनुकरणीय शहर बनाने के लिए युवा स्वच्छता एवं जनसेवा समिति का गठन किया.
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