बिलासपुर। शहर समेत जिले में होली पर होलिका दहन के लिए डांग गाड़े जा चुके हैं। होली पर्व पर हर साल बड़े पैमाने पर लकड़ियों का दहन किया जाता है। ...
बिलासपुर। शहर समेत जिले में होली पर होलिका दहन के लिए डांग गाड़े जा चुके हैं। होली पर्व पर हर साल बड़े पैमाने पर लकड़ियों का दहन किया जाता है। इस साल भी नगर निगम की ओर हरे-भरे पेड़ों को बचाने के लिए होलिका दहन गोकाष्ठ करने के लिए गोबर की लकड़ी (गोकाष्ठ) तैयार कराई जा रही है। गोठान के लिए स्व. सहायता समूहों को जिम्मा दिया गया है। नगर निगम के चारों गोठानों में इस बार करीब 25 से 30 क्विंटल गोकाष्ठ तैयार कराने का लक्ष्य रखा गया है। शहर में हर बार 500 से ज्यादा छोटी-बड़ी होलिका का दहन किया जाता है, जिसमें सैकड़ों क्विंटल लकड़ी जला दी जाती है। वहीं इसे रोकने के लिए और सही तरीके से होलिका दहन की परंपरा का निर्वहन करने के लिए गोबर से बनी गोकाष्ठ को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी के तहत नगर निगम ने चारों गोठान को गोकाष्ठ बनाने के निर्देश दिए थे। पिछले एक महीने से गोकाष्ठ बनाई जा रही है। मोपका, सरकंडा, सकरी और सिरगिट्टी गोठान में अभी तक 10 क्विंटल गोकाष्ठ तैयार कर ली गई है। निगम प्रबंधन के मुताबिक इस बार भी बड़े पैमाने पर होलिका में गोकाष्ठ का उपयोग होना है। होलिका दहन के लिए जिस भी समिति को गोकाष्ठ चाहिए, वे चारों गोठान में संपर्क कर सकते हैं।
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